कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान की एक और साजिश, फिर छीना अपील का हक
पाकिस्तान एक बार फिर अपनी चालबाज़ियों से बाज़ नहीं आया है। जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील का अधिकार देने से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ इनकार कर दिया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के 2019 के ऐतिहासिक निर्णय के पूरी तरह विपरीत है, जिसमें पाकिस्तान को सख्त निर्देश दिए गए थे कि जाधव को काउंसलर एक्सेस और सजा की समीक्षा का अधिकार दिया जाए।
अपील के विरोध में यह कहा पाकिस्तान ने
पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने अपने ही सुप्रीम कोर्ट में यह बयान दिया कि कुलभूषण जाधव को अपील करने का कोई हक नहीं है, क्योंकि ICJ का आदेश महज़ राजनयिक पहुंच तक सीमित था। उनका दावा है कि ICJ ने सिर्फ भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की इजाज़त की बात की थी, न कि सजा के खिलाफ कानूनी अपील की।
ICJ ने तो कहा था, समीक्षा जरूरी है!
2019 में जब यह मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत तक पहुंचा था, तो ICJ ने बेहद स्पष्ट रूप से कहा था कि जाधव को भारतीय अधिकारियों से मिलने दिया जाए और उनकी सजा पर पुनर्विचार किया जाए। कोर्ट ने पाकिस्तान से अपील प्रक्रिया सुनिश्चित करने और निष्पक्ष सुनवाई का वादा निभाने को कहा था। लेकिन अब पाकिस्तान ने इस अंतरराष्ट्रीय आदेश को दरकिनार करते हुए फिर एक बार जाधव के न्याय पाने के अधिकार पर कुठाराघात किया है।
क्या है पाकिस्तान की असली मंशा?
इस पूरे घटनाक्रम की टाइमिंग भी सोचने वाली है। यह फैसला तब आया है जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में मई 2023 के दंगों के आरोपियों को सैन्य अदालतों द्वारा दी गई सजा की वैधता पर बहस चल रही थी। जानकार मानते हैं कि पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वो भारतीय नागरिक के साथ कोई "खास व्यवहार" नहीं कर रहा है – यहां तक कि उसके अपने नागरिकों को भी ऐसे अधिकार नहीं मिलते।
भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी?
भारत पहले ही जाधव पर लगाए गए आरोपों को "हास्यास्पद" करार दे चुका है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बार-बार यह दोहराया है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय नियमों और न्यायालयों के आदेशों का उल्लंघन कर रहा है। भारत के लिए यह मामला सिर्फ एक नागरिक का नहीं, बल्कि देश की कूटनीतिक गरिमा और कानूनी अधिकारों का भी है।
सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनयिक मुद्दा बना
कुलभूषण जाधव का मामला अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनयिक और मानवीय अधिकारों का मुद्दा बन चुका है। पाकिस्तान जिस तरह अंतरराष्ट्रीय आदेशों की अनदेखी कर रहा है, वह न सिर्फ जाधव के लिए, बल्कि पूरी दुनिया की न्याय व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल है। अब देखना यह है कि भारत इस मामले में अगला कदम क्या उठाता है – और क्या दुनिया पाकिस्तान की इस मनमानी के खिलाफ कोई ठोस रुख अपनाएगी?
यह भी पढ़ें:
Happiness Index India Pakistan: आतंकवाद से ग्रसित होकर भी भारत से आगे क्यों है पाकिस्तान?
Digvijay Singh: शरबत जिहाद को लेकर भड़के कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ! क्या बोले ?
Manipur Protest: BJP नेता ने Waqf Bill का किया समर्थन, गुस्साई भीड़ ने फूंक दिया घर
.