जाहिलता से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, कट्टरपंथियों ने अहमदी मुस्लिमों पर किया हमला, पीट-पीट कर मार डाला
पाकिस्तान के कराची शहर में शुक्रवार दोपहर को एक दुखद घटना हुई। यहां एक अहमदी मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। ये घटना कराची के सदर इलाके में तब हुई, जब कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अहमदियों की एक मस्जिद को घेर लिया और वहां हमला कर दिया।
बताया जा रहा है कि TLP के लोगों ने अहमदी समुदाय को नमाज पढ़ने से रोकने के लिए हिंसा शुरू कर दी। इसी दौरान एक व्यक्ति को बुरी तरह पीटा गया, जिसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। पुलिस का कहना है कि वो मामले की जांच कर रही है और इलाके की CCTV फुटेज खंगाली जा रही है।
अख़बार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के DIG सैयद असद रजा ने बताया कि TLP के करीब 400 कार्यकर्ता मोबाइल मार्केट के पास एक हॉल में जमा हुए थे। इसके बाद उन्होंने शाह लतीफ, सुरजानी और खोखरापार जैसे इलाकों में भी अहमदी समुदाय को निशाना बनाने की कोशिश की। बाकी इलाकों में पुलिस की मौजूदगी के कारण हालात काबू में रहे, लेकिन सदर इलाके में हिंसा के दौरान एक शख्स की जान चली गई।
A mob has surrounded an Ahmadiyya worship place in Mobile Market, Saddar, Karachi. They have lynched one of the worshippers to death outside the worship place. Dozens of others are stranded inside. pic.twitter.com/YPoOkGTeDF
— Naya Daur Videos (@nayadaurpk_urdu) April 18, 2025
अहमदी समुदाय का बड़ा नेता था मृतक
पाकिस्तान में 46 साल के लायक चीमा की मौत की खबर सामने आई है। उनकी पहचान अहमदी समुदाय के एक सदस्य के रूप में हुई है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि लायक चीमा अहमदी समुदाय से ताल्लुक रखते थे।
अहमदी समुदाय के प्रवक्ता आमिर महमूद ने बताया कि लायक चीमा इस समुदाय का एक जाना-पहचाना चेहरा थे। बताया जा रहा है कि जब वो मस्जिद से करीब 100 मीटर की दूरी पर थे, तभी उन पर हमला कर दिया गया। TLP से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें पहचान लिया और घेरकर बुरी तरह पीटा। इसी मारपीट में उनकी जान चली गई।
पाकिस्तान में अहमदी समुदाय को पहले भी ऐसे हमलों का सामना करना पड़ा है। कट्टरपंथी संगठन जैसे कि BLP अक्सर अहमदियों को निशाना बनाते आए हैं। हाल ही में पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी चिंता जताई थी कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के घरों और इबादतगाहों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं।
पाकिस्तान का कानून नहीं मानता मुस्लिम
पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम मानते हैं, लेकिन वहां का कानून उन्हें मुसलमान नहीं मानता। कानून के मुताबिक, अहमदिया लोग एक धार्मिक अल्पसंख्यक माने जाते हैं। इस वजह से उन्हें लंबे समय से भेदभाव और धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। 1974 में यह स्थिति और गंभीर हो गई, जब पाकिस्तान की संसद ने एक संशोधन पास कर अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया। उसके बाद से उनके साथ अन्याय की घटनाएं और बढ़ गईं।
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