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'भारत से जंग जारी रहेगी...', पाकिस्तानी सेना अधिकारी की गीदड़भभकी के क्या हैं मायने? समझिए

ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने अमेरिका से मध्यस्थता कराई, अब इज़राइल-फिलिस्तीन का हवाला देकर दे रहा खोखली धमकी।
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, उससे पड़ोसी मुल्क की फौज और सियासी नेतृत्व पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। 4 दिनों तक चले सीमा संघर्ष में भारतीय सेना के सामने टिक न पाने के बाद जब पाकिस्तान को अमेरिकी मध्यस्थता में संघर्ष विराम मांगना पड़ा, तब भी उसकी "गीदड़भभकी" जारी है। पाकिस्तानी सेना के प्रचार प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इजरायल-फिलिस्तीन का उदाहरण देकर भारत को धमकी दी है: "हम भारत के वर्चस्व के आगे नहीं झुकेंगे। यह जंग जारी रहेगी।" लेकिन सच यह है कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो करारी मात खाई, उसके बाद उसकी ये बयानबाजी महज अपनी जनता को गुमराह करने का नाटक लगती है।

इज़राइल को लेकर क्या बोला पाक सेना का अधिकारी?

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने भारत को लेकर जो अजीबो-गरीब तुलना की है, वह उसकी मानसिक दिवालियेपन को दिखाती है। उनका कहना है कि "भारत इजरायल नहीं है और पाकिस्तान फिलिस्तीन नहीं", लेकिन वे यह भूल गए कि 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर ने साबित कर दिया है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने से नहीं हिचकता। पाकिस्तानी सेना का यह बयान उसकी हार को छुपाने की कोशिश है, क्योंकि उसे पता है कि अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है और अब वह सीधे युद्ध का जोखिम नहीं उठा सकता।

पाकिस्तान मना रहा अपनी"वर्चुअल जीत"

6-7 मई की रात भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के मुरीदके और बहावलपुर स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, लेकिन भारत ने हर हमले को नाकाम कर दिया। 10 मई को जब पाकिस्तान को अमेरिकी दबाव में संघर्ष विराम मांगना पड़ा, तो उसके प्रधानमंत्री ने इसे "अमेरिकी मदद" बताकर अपनी जनता को बेवकूफ बनाया। असलियत यह है कि पाकिस्तानी सेना और सरकार जानती है कि वह भारत के सामने टिक नहीं सकती, इसलिए वह "न्यूक्लियर थ्रेट" और "जंग जारी रखने" की खोखली बातें कर रही है।

संघर्ष विराम के पीछे की क्या है सच्चाई?

4 दिनों तक चली जंग में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारतीय सेना ने न सिर्फ पाकिस्तानी हमलों को विफल किया, बल्कि जवाबी कार्रवाई में उसके कई सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया। जब पाकिस्तान को लगा कि यह संघर्ष उसके लिए और विनाशकारी हो सकता है, तो उसने अमेरिका से मदद मांगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही संघर्ष विराम हुआ, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि अगर कोई और आतंकी हमला हुआ, तो उसे "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा।

पाकिस्तान अब भी भारत को क्यों धमका रहा?

पाकिस्तानी नेतृत्व और सेना के बयानों से साफ है कि वह अपनी जनता को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि उसने भारत को "मुंहतोड़ जवाब" दिया है। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूब रही है, आईएमएफ के सामने उसकी गिड़गिड़ाहट जारी है, और सेना के पास संसाधनों की कमी है। ऐसे में, उसकी "जंग जारी रखने" की धमकी महज एक "प्रोपेगैंडा स्टंट" लगती है। भारत ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह "ब्लैकमेलिंग" स्वीकार नहीं करेगा, और अगली बार कोई आतंकी हमला हुआ तो सीधी कार्रवाई होगी।

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