ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में मची आर्थिक तबाही, शेयर बाजार ध्वस्त, ट्रेडिंग ठप
भारत द्वारा आतंक के खिलाफ किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज अब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुनाई दे रही है। बुधवार रात पीओके में भारतीय सेना की मिसाइल स्ट्राइक के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज में ऐसा भूचाल आया कि महज साढ़े तीन घंटे में निवेशकों के अरबों रुपये स्वाहा हो गए। गुरुवार 8 मई को पाकिस्तान का शेयर बाजार इतनी तेजी से गिरा कि लोअर सर्किट लगाना पड़ा और ट्रेडिंग रोक दी गई। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तान को केवल सामरिक नहीं, आर्थिक मोर्चे पर भी झकझोर दिया है।
110,000 से 103,000 तक फिसला इंडेक्स, 6.32% की भारी गिरावट
दिन की शुरुआत भले ही उम्मीदों के साथ हुई हो, लेकिन जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर की खबरें फैलीं, KSE-100 इंडेक्स धड़ाम हो गया। बाजार 110,989 पर खुला था, लेकिन कुछ ही घंटों में गिरकर 103,060 के स्तर पर पहुंच गया। लगभग 6.32% की गिरावट के साथ कराची स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग रोकनी पड़ी — यानी ‘लोअर सर्किट’ लग गया। ब्लूमबर्ग डेटा के अनुसार, 22 अप्रैल से 8 मई तक केएसई-100 इंडेक्स में 13% की गिरावट आ चुकी है, वहीं KSE-30 इंडेक्स 14.3% टूटा है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने बाजार से तरलता (liquidity) पूरी तरह सोख ली है।
बैंकिंग, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को सबसे बड़ा झटका
इस गिरावट से बैंकिंग, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है और बाजार में पैनिक सेलिंग शुरू हो गई है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब एक्सचेंज को तकनीकी रूप से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।
विशेषज्ञों ने दी चेतावनी, कहा- यह सिर्फ शुरुआत है
पाक-कुवैत इन्वेस्टमेंट कंपनी के रिसर्च हेड सैमिउल्लाह तारिक ने डॉन को बताया, "फिलहाल यह गिरावट राजनीतिक और सामरिक तनाव का असर है, लेकिन अगर हालात नहीं सुधरे तो और बड़ा क्रैश संभव है।" फ्रिम वेंचर्स के CIO शाहबाज़ अशरफ का कहना है कि लंबे समय में बाजार रिकवर हो सकता है, लेकिन फिलहाल निवेशकों में जबरदस्त अनिश्चितता और डर है।
गिरावट की असली वजहें क्या हैं?
- भारत का सैन्य ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह किया गया।
- पाकिस्तान का दावा कि उसने चीन से मिले J-10C जेट से भारतीय विमानों को निशाना बनाया।
- देश के भीतर सुरक्षा हालात बेहद नाजुक — 8 मई को कराची, लाहौर, रावलपिंडी सहित 12 शहरों में ड्रोन धमाके।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की गिरती साख, जिससे विदेशी निवेशकों में डर और भरोसे की कमी।
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