ईरान और इजराइल के बीच जंग! युद्धविराम खारिज करते हुए ईरान ने दागी मिसाइलें, हमले में 6 इजराइलियों की मौत
Israel Iran war: ईरान और इजराइल के बीच लगातार 12वें दिन भी युद्ध जारी है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान और इजराइल के बीच युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। हालांकि, ईरान ने सीजफायर मानने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ऐलान के कुछ घंटों बाद, तेहरान ने कहा है कि किसी भी युद्ध विराम या सैन्य अभियानों की समाप्ति पर कोई समझौता नहीं हुआ है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है कि उन्हें इस युद्ध को जारी रखने में कोई दिलचस्पी नहीं है, बशर्ते कि इजराइल अपना आक्रमण बंद कर दे।
क्या बोले ईरान के विदेश मंत्री?
वहीं, इस बीच ताजा हमलों को लेकर ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा है, "हमारी ताकतवर मिलिट्री फोर्स आखिरी मिनट तक इजराइल को उसके हमलों के लिए सजा देगी। सभी ईरानियों के साथ, मैं अपने जांबाज सशस्त्र बलों का आभार जताता हूं जो अपने खून की आखिरी बूंद तक देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं और जिन्होंने दुश्मन के किसी भी हमले का आखिरी क्षण तक जवाब दिया।"
ईरान के मिसाइल अटैक में 6 इजराइलियों की मौत
ईरान-इजराइल जंग के बीच युद्ध विराम के ऐलान के बाद भी ईरान की तरफ से इजराइल पर लगातार बमबारी की जा रही है। इजराइली डिफेंस फोर्स ने बताया है कि एक घंटे के भीतर तीन बार ईरान ने मिसाइल अटैक (Ballistic Missile Strike on Israel) किए हैं। इस हमले में 6 नागरिकों की मौत हुई है। इजराइल में हमले को लेकर तेल अवीव में सायरन बज रहे हैं। जंग के बीच जान बचाने के लिए लोग सेफ हाउस में शिफ्ट हो रहे हैं।
इजराइल में मोबाइल फोन पर बजने लगे अलर्ट
जंग के बीच इजराइल की सेना ने अपने लोगों को चेतावनी दी है कि ईरान ने उनकी ओर मिसाइलें (Iran Refuses to Accept Ceasefire) दागी हैं, जबकि प्रस्तावित युद्ध विराम हवा में लटका हुआ है। इजराइल में मोबाइल फोन पर इस हमले के बारे में अलर्ट बजने लगे हैं। इजराइली सेना का कहना है कि ईरानी मिसाइलों ने कुछ समय पहले इजराइल पर हमला किया था। ईरान की ओर से मिसाइल लॉन्च किए जाने के कारण इजराइल में सायरन बज रहा है।
इजराइल ने डोनाल्ड ट्रम्प के सीजफायर नहीं दी प्रतिक्रिया
इजराइल ने अभी तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा किए गए युद्ध विराम को लेकर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, एपी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे के बाद ईरान में इजराइल की ओर से हमलों की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। वहीं, व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत में इस समझौते की मध्यस्थता की थी और इजरायल ने इस बात पर सहमति जताई थी कि ईरान आगे और हमले नहीं करेगा।
भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंधु जारी
वहीं, भारतीय वायु सेना ने कहा है, "पश्चिम एशिया के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ते तनाव के जवाब में, भारतीय वायुसेना के सी-17 विमानों ने भारतीय नागरिकों और मित्र देशों के नागरिकों को निकालने के लिए जॉर्डन और मिस्र से मिशन शुरू किए। भारतीय वायुसेना ज़रूरत के समय देश और दुनिया भर में सहायता प्रदान करने के लिए पहले उत्तरदाताओं के रूप में प्रतिबद्ध है।"
ईरान-इजराइल के कारण स्थिति हो गई थी खराब
विशाल कौशिक कहते हैं, "हम 22 जून को निकले थे। स्थिति बहुत खराब थी और दूतावास तथा सरकार हमारे संपर्क में थे। हमें वहां से निकाला गया और हम भारत सरकार तथा दूतावास को धन्यवाद देना चाहेंगे क्योंकि स्थिति वास्तव में बहुत जटिल थी। हम भारतीय नागरिक होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं। जिस तरह से हमें निकाला गया वह बहुत ही बहादुरीपूर्ण और अच्छा था। हम इज़राइल में थे और वहां से जॉर्डन, फिर कुवैत और फिर आखिरकार अब हम यहां हैं। बीच में हमारी फ्लाइट का मार्ग बदल दिया गया क्योंकि संघर्ष शुरू हो गया था और हम फ्लाइट में थे। हम कुवैत लौट आए और फिर हमने (भारत के लिए) फिर से उड़ान भरी। हमारा ख्याल रखा गया, इसलिए हम दूतावास और भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहेंगे।"
इजराइल से निकाले गए 161 भारतीय नागरिक
इजराइल से निकाले गए 161 भारतीय नागरिकों के पहले जत्थे को लेकर पहली उड़ान आज दिल्ली पहुंची। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया, "ऑपरेशन सिंधु का इजराइल चरण 23 जून, 2025 को शुरू हुआ, जिसमें जॉर्डन से 161 भारतीय नागरिकों का पहला समूह स्वदेश लाया गया। हवाई अड्डे पर राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने उनका स्वागत किया।"
ईरान से लौटीं पंजाब की बलजिंदर ने ये क्या कह दिया?
ईरान से निकाली गई पंजाब की बलजिंदर कौर कहती हैं, "...बहुत अच्छा लग रहा है। अपना देश अपना ही है। लेकिन वहां भी (ईरान में) हमें कभी कोई मुश्किल नहीं आई। पिछले कुछ दिनों में हालात बदल गए हैं, वरना हम वहां भी सुरक्षित हैं। मैं 21 साल से वहां रह रही हूं और हिंदी टीचर के तौर पर काम करती हूं...यह गर्व की बात है कि जब भी देश या उसके नागरिक मुश्किल में पड़ते हैं, तो सरकार उनके साथ खड़ी होती है। इसलिए हम उनके आभारी हैं। हम राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों के आभारी हैं जिन्होंने हमें सुरक्षित यहां पहुंचाया।"
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