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अमेरिका-ईरान के बीच हुई बातचीत का क्या निकला निष्कर्ष? जानिए पूरी डिटेल

ईरान और अमेरिका के बीच रोम में परमाणु मुद्दे पर अप्रत्यक्ष वार्ता हुई, जिसमें ओमान ने मध्यस्थ का काम किया। ईरान ने गारंटी की मांग की।
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ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मुद्दे को लेकर बातचीत का दूसरा दौर आज पूरा हो गया। ये बातचीत इटली की राजधानी रोम में हुई। खास बात ये रही कि ये बातचीत सीधे तौर पर नहीं हुई, यानी ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधि आमने-सामने नहीं बैठे। बातचीत अप्रत्यक्ष रूप से हुई, जिसमें ओमान ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई।

ओमान के विदेश मंत्री बद्र बिन हमद अल-बुसैदी ने दोनों देशों के बीच बातचीत करवाने का काम किया। वो लगातार दोनों पक्षों के बीच संदेश ले जाकर आ रहे थे। ये बातचीत ओमान के राजदूत के घर पर हुई, जहां दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग हॉल में बैठे थे।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि वह पूरी गंभीरता और तैयारी के साथ इस बातचीत में शामिल हुआ है, ताकि उस पर लगे प्रतिबंधों को हटवाया जा सके। बातचीत के बाद दोनों देशों ने इसे पॉजिटिव बताया है।

बैठक में ईरान का पक्ष 

ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है, जिसमें दोनों देश एक नए परमाणु समझौते की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान ईरान ने अपनी शर्तें भी साफ कर दी हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान चाहता है कि अगर कोई नया समझौता होता है, तो अमेरिका उसमें से आगे चलकर खुद ही बाहर न निकल जाए। इसके लिए वह अमेरिका से पक्की गारंटी मांग रहा है। साथ ही, अगर भविष्य में ऐसा कुछ होता है, तो ईरान को हुए नुकसान की भरपाई भी की जाए — ईरान की ये मांग साफ है।

ईरान के पास जमा है एनरिच यूरेनियम 

ईरान ने कहा है कि उसके पास जो संवर्धित यूरेनियम जमा है, उसे कैसे संभाला जाए, इस पर बातचीत होनी चाहिए। साथ ही, उसने यह भी चाहा है कि उस पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो। इसके अलावा, ईरान को उम्मीद है कि वाशिंगटन की तरफ से कोई बड़ा राजनयिक दौरा भी हो सकता है।

वहीं, अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इन बातों पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने बस इतना कहा कि राष्ट्रपति का रुख साफ है – ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने दिए जाएंगे।

ईरानफोबिया पर भी बोला ईरान

ईरान ने बातचीत के दौरान फिर से कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण मकसद से चल रहा है। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम धार्मिक मान्यताओं, देशहित और सुरक्षा के सिद्धांतों के अनुसार संचालित हो रहा है। ईरान के प्रतिनिधि अराकची ने कहा कि इजराइल ही इस क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त ज़ोन बनाने में सबसे बड़ी रुकावट है। साथ ही उन्होंने यूरोपीय देशों से अपील की कि वे ‘ईरानफोबिया’ जैसी सोच से बाहर निकलें और एक जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाएं।

ईरान में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई

ईरान में हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान, संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गालिबाफ और न्यायपालिका प्रमुख ग़ुलामहुसैन मोहसेनी एजेई शामिल हुए। यह बैठक रोम में चल रही वार्ताओं के संदर्भ में हुई, जो यह दर्शाती है कि ईरान कूटनीतिक प्रयासों के साथ-साथ अपने आंतरिक मामलों में भी एकजुट है।

अब दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता जल्द हो सकती है। परमाणु मुद्दे पर चल रहे गतिरोध के समाधान के लिए यह वार्ता एक अहम मोड़ हो सकती है, हालांकि इसके आगे कई कूटनीतिक और रणनीतिक चुनौतियां हैं।

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