आतंक हो या न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग…UNSC में भारत ने PAK को सुनाई दो टूक, जानिए क्या-क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र की महफिल में जब पाकिस्तान ने नागरिक सुरक्षा का राग अलापना शुरू किया, तो भारत ने ऐसा जवाब दिया कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय सन्न रह गया! भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत हरीश पुरी ने पाकिस्तान को उसके ही खेल में धूल चटाते हुए कहा कि"जिस देश ने मुंबई के ताज होटल को आतंकियों का खूनी खेलगाह बनाया, जिसने पहलगाम में बेकसूर पर्यटकों को गोलियों से भून डाला, वह नागरिक अधिकारों की बात करे? यह ऐसा ही है जैसे चोर-सिपाही को सिखाए नैतिकता!" भारत ने UNSC में पाकिस्तान के दोगले चरित्र को उजागर करते हुए सवाल खड़ा कर दिया कि क्या आतंक का पोषण करने वाले देश को वैश्विक मंचों पर बोलने का कोई हक है?
मंदिर, गुरुद्वारे और अस्पताल को निशाना बनाने की नापाक कोशिश
6-7 मई की रात पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा पर जो किया, वह युद्ध अपराध से कम नहीं! भारत ने UNSC में ठोस सबूत पेश करते हुए बताया कि कैसे पाकिस्तानी फौज ने जानबूझकर सीमावर्ती गांवों में मंदिरों, गुरुद्वारों और यहां तक कि अस्पतालों को निशाना बनाया।
राजदूत पुरी ने आगे कहा कि"हमने केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, लेकिन पाकिस्तान ने हमारे बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं पर गोलियां बरसाईं। सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब भारत ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारी ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए! यह साबित करता है कि पाकिस्तान के लिए आतंकी और नागरिक में कोई फर्क नहीं। दोनों उसके लिए एक ही सिक्के के दो पहलू हैं!
'आतंक के आगे न झुकेंगे, न ही न्यूक्लियर धमकियों से डरेंगे!
जब जर्मनी के विदेश मंत्री के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर माइक पर आए, तो उन्होंने पाकिस्तान को लेकर ऐसी चेतावनी दी कि दुनिया के कान खड़े हो गए! जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि"हम आतंकवाद के सामने कभी नहीं झुकेंगे, चाहे पाकिस्तान परमाणु ब्लैकमेल की धमकी ही क्यों न दे!"
उन्होंने जर्मन चांसलर को पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई का विवरण देते हुए कहा कि"हमने साबित कर दिया है कि आतंक की कीमत चुकाने का हमारा तरीका दुनिया से अलग है।" सबसे बड़ा झटका तब लगा जब जयशंकर ने कहा कि "भारत-पाक मुद्दों पर किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी!" यानी अब न अमेरिका की मध्यस्थता, न यूरोप की सलाह और भारत अब अपने तरीके से जवाब देगा!
अंतरराष्ट्रीय फटकार के बाद पाक के पास क्या बहाना बचा?
भारत के तीखे हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की हालत ऐसी हुई जैसे चोर दीवार के नीचे फंस गया हो! दरअसल UNSC के कई सदस्य देशों ने भारत के तर्कों का समर्थन किया और पाकिस्तान की आतंकी संरक्षण नीति पर सवाल उठाए। सवाल यह है कि अब पाकिस्तान क्या बहाना बनाएगा? क्या वह फिर से "हम गरीब मुल्क हैं" का रोना रोएगा या "कश्मीर मुद्दा" उछालेगा?
एक बात तो तय है कि भारत ने अपनी नई रणनीति में साफ कर दिया है कि "आतंकवाद की कीमत अब पाकिस्तान को उसी की मुद्रा में चुकानी होगी!" जब तक पाकिस्तान आतंक को अपनी विदेश नीति का हथियार बनाएगा, तब तक भारत का हर जवाब उसे और बेनकाब करता रहेगा! अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान इस सबक को समझ पाएगा या फिर अपनी ही बर्बादी का इंतजाम करता रहेगा?
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