• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

पाक के न्यूक्लियर ठिकानों से नहीं हो रही रेडिएशन लीकेज? IAEA की रिपोर्ट से साफ हुआ पूरा मामला...

भारतीय वायुसेना के बाद IAEA ने भी कहा कि पाकिस्तान के किराना हिल्स या किसी परमाणु स्थल से कोई रेडिएशन लीक नहीं हुआ, अफवाह निराधार।
featured-img

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पाकिस्तान के किराना हिल्स सहित किसी भी परमाणु स्थल से रेडिएशन लीक की अफवाहों को खारिज कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी परमाणु स्थलों को नुकसान पहुंचने की खबरें तेजी से फैल रही थीं। IAEA के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि उन्हें पाकिस्तान की किसी भी परमाणु सुविधा से रेडिएशन लीक की कोई सूचना नहीं मिली है।

भारतीय वायुसेना ने भी किया था खंडन

भारतीय वायुसेना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उसने पाकिस्तान के किसी भी परमाणु स्थल को निशाना नहीं बनाया है। 12 मई को एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि हमने किराना हिल्स या पाकिस्तान के किसी अन्य परमाणु ठिकाने पर कोई हमला नहीं किया।

यह बयान ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर किए गए हमले के बाद आया था, जो किराना हिल्स से महज 8 किलोमीटर दूर है।

अमेरिका ने क्या स्पष्टीकरण दिया?

वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट ने भी इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अमेरिका के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान पहुंचा हो। उन्होंने कहा, "इस संबंध में हमारे पास कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।"

परमाणु स्थलों का भी आदान–प्रदान करते हैं दोनों देश

दोनों देश हर साल 1 जनवरी को एक-दूसरे को अपने परमाणु स्थलों की सूचना देते हैं। यह प्रक्रिया 1988 के समझौते के तहत होती है, जिसका उद्देश्य परमाणु हमलों की आशंका को कम करना है। इस साल भी 1 जनवरी, 2025 को दोनों देशों ने यह सूचना साझा की थी।

अफवाहों पर लगेगा अब विराम?

IAEA और भारतीय वायुसेना के बयानों के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। हालांकि, सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भविष्य में ऐसी कोई घटना होने पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं तुरंत स्पष्टीकरण देंगी? फिलहाल, IAEA की पुष्टि के बाद यह मामला शांत हो सका है।

यह भी पढ़ें:

"पाकिस्तान पर खूब भारी पड़ा भारत", जानिए अमेरिकी अखबार ने कैसे खोल दी नापाक दावों की पोल?

क्या होती है DGMO हॉटलाइन? भारत-पाक के बीच कैसे होती है सीधे जनरल्स की बातचीत? जानिए पूरा किस्सा...

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज