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दिल्ली से अफगानिस्तान तक महसूस हुए भूकंप के झटके, लोगों में मची खलबली, किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं

दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। देश की राजधानी में उस समय भारी हड़बड़ाहट मच गई और लोग चौंक उठे— जब अचानक ही कुर्सियां हिलने लगीं और दीवारें हिलती हुई...
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दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। देश की राजधानी में उस समय भारी हड़बड़ाहट मच गई और लोग चौंक उठे— जब अचानक ही कुर्सियां हिलने लगीं और दीवारें हिलती हुई अनुभव होने लगी। ये सब कुछ चंद सेकंड्स का था, लेकिन उस पल ने एक बार फिर लोगों को भूकंप की भयावहता का एहसास करा दिया।

अफगानिस्तान में था भूकंप का केंद्र

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक़, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की सरहद के पास था, जिसकी गहराई ज़मीन से करीब 130 किलोमीटर नीचे बताई गई है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने भी पुष्टि की कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमा के नज़दीक था। हालांकि अब तक जान-माल के किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, फिर भी सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और स्थिति पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं।

पाकिस्तान में भी हिली जमीन

भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद समेत उत्तरी इलाकों में भी इसका असर महसूस किया गया। खास बात ये है कि बीते एक हफ्ते में यह तीसरी बार है जब पाकिस्तान की ज़मीन कांपी है। लोगों के बीच दहशत का माहौल है, लेकिन अब तक किसी प्रकार की गंभीर क्षति की पुष्टि नहीं हुई है।

तीन दिन पूर्व भी अफगानिस्तान के हिंदुकुश में भी आया था भूकंप

इससे पहले 16 अप्रैल को भी अफगानिस्तान के हिंदुकुश इलाके में सुबह के वक्त ज़ोरदार झटके दर्ज किए गए थे। उस वक्त रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.9 मापी गई थी। हिंदुकुश पर्वतमाला, जो उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान में फैली है, टेक्टोनिक रूप से बेहद सक्रिय मानी जाती है। यहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, जिससे समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।

क्यों आता है बार-बार भूकंप इस क्षेत्र में?

अफगानिस्तान और इसके आसपास का क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। यह इलाका यूरेशियन प्लेट और इंडियन प्लेट के टकराव क्षेत्र में आता है। यही टकराव जमीन के नीचे अत्यधिक दबाव बनाता है, जो समय-समय पर भूकंप का कारण बनता है। भूगर्भवैज्ञानिकों के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में आने वाले समय में जल्द ही कोई भयावह भूकंप आ सकता है।

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