केजरीवाल से बड़े पलटीमार बने डोनाल्ड ट्रंप, 4 साल में 30 हजार से ज्यादा झूठ बोले
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम सुनते ही लोगों के मन में कई तरह के विवादास्पद विचार आने लगते हैं। ट्रंप ने न केवल अपनी बयानों से दुनियाभर में सनसनी मचाई बल्कि झूठ बोलने में भी एक नया ‘रिकॉर्ड’ बना डाला। और ताज़ा मामला है – भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कथित सीजफायर को लेकर। जानिए पूरा मामला
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर ट्रंप का पलटा बयान
10 मई को ट्रंप ने दुनिया को चौंकाते हुए सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। उन्होंने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच युद्ध टल गया और लाखों लोगों की जान बच गई। लेकिन... सिर्फ 5 दिन बाद, 15 मई को उन्होंने खुद अपने ही बयान से पलटी मार ली। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि उन्होंने मध्यस्थता की, सिर्फ “मदद की कोशिश” की थी। भारत ने साफ कर दिया कि कोई मध्यस्थता नहीं हुई, यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक बातचीत का नतीजा था – ट्रंप का कोई रोल नहीं था।
30,573 झूठ बोलकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने बनाया ‘रिकॉर्ड’
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान 30,573 झूठे या भ्रामक दावे किए। यानी रोजाना औसतन 21 झूठ!
- पहले साल: रोजाना 6 झूठे दावे
- दूसरे साल: 16 झूठ प्रतिदिन
- तीसरे साल: 22 झूठ रोज
- और चौथे साल: 39 झूठ हर दिन!
यह आंकड़े बताते हैं कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आते गए, ट्रंप के झूठ भी तेज़ी से बढ़ते गए।
चुनाव से पहले झूठ की सुनामी
2020 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की झूठ बोलने की रफ्तार बिना ब्रेक की ट्रेन बन चुकी थी:
- सितंबर 2020: 2,239 झूठे दावे
- अक्टूबर 2020: 3,917 झूठ
- 2 नवंबर (वोटिंग से एक दिन पहले): अकेले उस दिन 539 झूठे या भ्रामक दावे!
"हमने ट्रेड से धमकाया": ट्रंप का दावा और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को ट्रेड रोकने की धमकी दी, जिससे सीजफायर हुआ। लेकिन भारत ने इस बयान को भी खारिज कर दिया। भारत के अनुसार, 7 से 10 मई के बीच अमेरिका के किसी अधिकारी से व्यापार को लेकर कोई बातचीत ही नहीं हुई थी। भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से पारंपरिक था और इसका परमाणु हथियारों से कोई लेना-देना नहीं था, जैसा कि ट्रंप ने कहा था।
कश्मीर पर भी ट्रंप की 'मध्यस्थता' की पेशकश
इतना ही नहीं, ट्रंप ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की इच्छा जताई। लेकिन भारत ने तुरंत दो टूक कह दिया – “कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं।”
झूठ की राजनीति का चेहरा बने ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप का रिकॉर्ड न केवल बातों के जाल में उलझाने वाला है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे दुनिया के सबसे ताकतवर पद पर बैठे व्यक्ति के झूठ भी वैश्विक मामलों में भ्रम फैला सकते हैं। हालांकि इन दावों पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं लेकिन फिर भी कई बार यह स्पष्ट दिखाई दिया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने साफ तौर पर अपने ही बयानों से पलटी मार ली है।
यह भी पढ़ें:
Trump Offer: अवैध प्रवासियों को 1000 डॉलर का ऑफर ! आखिर क्या है डोनाल्ड ट्रम्प का प्लान?
Donald Trump: तुम बेवकूफ, भयानक लोग.... रुस- यूक्रेन विवाद पर क्या बोल गए डोनाल्ड ट्रम्प?
ट्रंप की दो टूक- इंडिया में फैक्ट्री क्यों? अमेरिका में बनाओ iPhone, इंडिया खुद मैनेज करेगा