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ट्रंप ने फिर किया भारत-पाक सीजफायर कराने का दावा, कहा- ‘दोस्तों, आओ ट्रेड करें...’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का सूत्रधार बताया है। सऊदी अरब के रियाद में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने "बिजनेस डील्स"...
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का सूत्रधार बताया है। सऊदी अरब के रियाद में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने "बिजनेस डील्स" के जरिये भारत-पाक तनाव को कम किया और परमाणु जंग की आशंका को टाल दिया। ट्रंप ने मंच से कहा, "मैंने दोनों देशों से कहा—चलो डील करते हैं, लड़ाई नहीं।" उनके इस बयान पर मंच पर मौजूद अरबपति एलन मस्क से लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तक ने जमकर तालियां बजाईं।

भारत ने फिर किया ट्रंप के दावे का खंडन

हालांकि भारत सरकार इस मुद्दे पर पहले भी स्पष्ट कर चुकी है कि सीजफायर पर कोई तीसरी पार्टी शामिल नहीं थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत-पाक सीजफायर द्विपक्षीय समझौता था और किसी विदेशी दबाव या व्यापारिक सौदेबाजी की भूमिका नहीं थी।

क्या बोले ट्रंप सऊदी मंच से?

एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपि डोनाल्ड ट्रंप ने मंच से कहा, "मेरे राष्ट्रपति बनने के समय से ही मैंने साफ किया था कि मुझे जंग पसंद नहीं। मेरा सपना है दुनिया में शांति लाना। हमारे पास ताकत है लेकिन उसे इस्तेमाल करने के बजाय बुद्धिमत्ता दिखाना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि परमाणु हथियारों से नहीं, व्यापार से दोस्ती करो। हथियारों का नहीं, प्रोडक्ट्स का सौदा करो।

भारत का दो टूक जवाब, “आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में ट्रंप के दावे को अप्रत्यक्ष रूप से खारिज करते हुए कहा, "हमने सैन्य अभियान स्थगित किया है, समाप्त नहीं। पाकिस्तान को आतंकवाद बंद करना ही होगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार की न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग को स्वीकार नहीं करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर से दिखाया भारत ने अपना दम

सीजफायर से पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार ऑपरेशन में लगभग 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए जिनके जनाजे में पाक सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इसके बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए भारत से संपर्क साधा

कश्मीर पर मध्यस्थता से भारत का साफ इंकार

ट्रंप ने कश्मीर मसले पर भी अमेरिका की भूमिका की पेशकश की थी, लेकिन भारत सरकार ने इसे भी स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। भारत की नीति साफ है— "कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती।"

ट्रंप की बयानबाज़ी या राजनीतिक रणनीति?

डोनाल्ड ट्रंप के ये बयान क्या सिर्फ चुनावी माहौल में सुर्खियां बटोरने की कोशिश हैं, या वाकई उन्होंने पर्दे के पीछे कोई कूटनीतिक पहल की थी? इस पर तो इतिहास ही अपनी गवाही देगा, लेकिन फिलहाल भारत साफ तौर पर कह चुका है कि सीजफायर उनकी अपनी रणनीति और सैन्य मजबूती का परिणाम है, न कि किसी बाहरी दबाव का।

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