नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

क्यों है दुनिया की नजर चीन की सबसे पावरफुल टू-सेशंस मीटिंग पर? समझें सबकुछ

चीन की टू-सेशंस मीटिंग पर दुनिया की नजरें। जानिए क्या है इसका महत्व और किसका कितना रुतबा।
03:57 AM Mar 05, 2025 IST | Girijansh Gopalan

चीन की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक बैठक, टू-सेशंस मीटिंग, मंगलवार से शुरू हो गई है। यह बैठक हफ्ते भर चलेगी और इसमें 5,000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इसमें चीन की अर्थव्यवस्था, सेना और अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर जैसे मुद्दों पर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होने के बीच यह बैठक और भी जरूरी हो गई है।

क्या है टू-सेशंस मीटिंग?

टू-सेशंस मीटिंग चीन की सबसे बड़ी राजनीतिक बैठक है, जो दो हिस्सों में बंटी होती है। पहला हिस्सा चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टिव कॉन्फ्रेंस (CPPCC) का होता है, जो एक सलाहकार समिति है। इस समिति में चीन के कई दिग्गज शामिल होते हैं, जिनमें अभिनेता जैकी चेन जैसी हस्तियां भी शामिल हैं। यह समिति चीन की संसद को नीतिगत सुझाव देती है, हालांकि इन सुझावों का असर राष्ट्रीय नीति पर कम ही होता है। दूसरा हिस्सा नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) का होता है, जो चीन की सर्वोच्च विधायिका है। NPC में चीन के विभिन्न प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और सशस्त्र बलों से चुने गए प्रतिनिधि शामिल होते हैं। NPC का मुख्य काम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में लिए गए फैसलों को मंजूरी देना है। इसी वजह से इसे 'रबर स्टैम्प संसद' भी कहा जाता है।

क्यों है यह बैठक इतनी महत्वपूर्ण?

टू-सेशंस मीटिंग चीन की प्राथमिकताओं को सामने लाने में अहम भूमिका निभाती है। इस बैठक में अर्थव्यवस्था, सेना और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है। चीन के प्रधानमंत्री इस सत्र का उद्घाटन करते हैं और वर्क रिपोर्ट पेश करते हैं। इस रिपोर्ट में आने वाले समय में आर्थिक लक्ष्यों को कैसे पूरा किया जाएगा, इसकी रणनीति बताई जाती है। इस बार की बैठक में चीन की धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था और अमेरिका के नए टैरिफ का जवाब देने जैसे मुद्दे सबसे ऊपर हैं। कोविड-19 महामारी के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है, और इसे पटरी पर लाने के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा होगी।

दुनिया की नजरें क्यों हैं इस पर?

चीन की टू-सेशंस मीटिंग पर दुनिया भर की नजरें इसलिए टिकी हैं, क्योंकि चीन के फैसले वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बीच यह बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई है। चीन की विदेश नीति और सैन्य रणनीति पर भी इस बैठक में चर्चा होगी, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है।

ये भी पढ़ें:अमेरिका अगर NATO और UN छोड़ता है तो किसको होगा सबसे ज्यादा नुकसान? जानिए क्या-क्या बदलेगा

 

Tags :
beijing politicsChina militarychina two sessions meetingchinese communist partychinese economyglobal impactnational peoples congressus china trade warअमेरिका चीन व्यापार युद्धचीन दो सत्र बैठकचीन सैन्यचीनी अर्थव्यवस्थाचीनी कम्युनिस्ट पार्टीबीजिंग राजनीतिराष्ट्रीय पीपुल्स कांग्रेसवैश्विक प्रभाव

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article