भारत की तरक्की से घबरा गया चीन? इन्वेस्टर ने खोले ड्रैगन के राज
भारत-पाकिस्तान संघर्ष थम चुका है, लेकिन सियासत और रणनीति के मोर्चे पर जंग अब भी जारी है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक प्रभावशाली एंजेल इन्वेस्टर उदित गोयनका ने दावा किया है कि चीन भारत की आर्थिक रफ्तार को थामने के लिए पाकिस्तान को युद्ध के लिए उकसा रहा है। उनका कहना है कि चीन की असली मंशा भारत की तरक्की में रोड़े अटकाने की है।
चीन दे रहा है पैसा और हथियार?
उदित गोयनका का कहना है कि पाकिस्तान की तरफ से जो भी हमले हुए हैं, उनकी स्क्रिप्ट बीजिंग में लिखी गई है। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि चीन पाकिस्तान को हथियार, फंडिंग और रणनीतिक समर्थन दे रहा है, ताकि दक्षिण एशिया में तनाव बना रहे। गोयनका ने अपने पोस्ट में लिखा, “चीन जानता है कि भारत तेजी से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन से दूरी बनानी शुरू कर दी है, और अब उनकी फैक्ट्रियां भारत की तरफ रुख कर रही हैं। ये बात चीन को चुभ रही है।”
Conspiracy theory:
I feel that China is behind all this and they are funding all the equipment for this war to Pakistan.
With the US raising tariffs on China, their manufacturing units are getting hit badly, leading to massive losses and shutting down of those units.
A lot of…
— Udit Goenka (@iuditg) May 10, 2025
युद्ध से क्या हासिल करना चाहता है चीन?
गोयनका के मुताबिक, चीन की पूरी कोशिश है कि भारत में अस्थिरता और युद्ध का माहौल बनाए रखा जाए। अगर देश में तनाव बना रहेगा, तो विदेशी निवेशक भारत से दूरी बना लेंगे। इसका सीधा असर भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक छवि पर पड़ेगा। उदित गोयनका ने कहा कि चीन को डर है कि अगर भारत लगातार आर्थिक और कूटनीतिक रूप से मजबूत होता गया, तो एशिया में उसकी बादशाहत खतरे में पड़ जाएगी।
ग्लोबल समीकरणों से जुड़ा है मामला
गोयनका ने ये भी कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था पर अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने का जबरदस्त असर पड़ा है। इससे चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को झटका लगा है। अब कई विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। चीन चाहता है कि निवेशक भारत से डरें और वापिस चीन का रुख करें।
पाकिस्तान-चीन की दोस्ती पर सवाल
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुले तौर पर चीन को 'सबसे प्यारा और भरोसेमंद दोस्त' बताया है। वहीं, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी पाकिस्तान से बात कर 'संप्रभुता की रक्षा' का समर्थन दोहराया है। ऐसे में ड्रैगन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
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