PAK को जो मिसाइलें दीं वो फुस्स कैसे...' पत्रकार के सवाल पर कैसे सकपका गए चीनी डिफेंस प्रवक्ता?
पाकिस्तान को चीन से मिली मिसाइलों की कहानी उस बच्चे जैसी है जो पटाखे लेकर दिवाली मनाने निकला, लेकिन सारे पटाखे फुस्स हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीन की PL-15 मिसाइलें दागीं, लेकिन वे या तो निशाने से चूक गईं या भारतीय वायुसेना ने उन्हें मार गिराया। जब चीनी रक्षा प्रवक्ता झांग शियाओगांग से पूछा गया कि "क्या भारत ने उनकी मिसाइलों को बेअसर कर दिया?" तो वह बगले झांकने लगे। उनका जवाब था कि"हम शांति चाहते हैं!" यानी सवाल पूछो तो जवाब में चीन की 'मेड इन चाइना' वाली चाल कि"टॉपिक चेंज करो और भाग जाओ!"
होशियारपुर की धरती पर चीन का घमंड हुआ था चकनाचूर
पंजाब के होशियारपुर में जो तस्वीर सामने आई, वह चीन के लिए शर्मनाक थी। भारतीय सुरक्षा बलों ने चीन की PL-15 मिसाइल का मलबा बरामद किया, जो पाकिस्तान ने भारत पर दागी थी। हैरानी की बात यह कि मिसाइल पूरी तरह से बरकरार थी, यानी यह या तो फायर ही नहीं हुई या फिर भारत के डिफेंस सिस्टम ने इसे बीच आसमान में ही ठिकाने लगा दिया।
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मिसाइल हमारे हाथ लगी है, अब हम इसे रिवर्स इंजीनियरिंग से समझेंगे कि चीन कितना खोखला तकनीक दे रहा है।" अब चीन की चिंता यह है कि कहीं भारत इसकी टेक्नोलॉजी को कॉपी न कर ले!
पत्रकार के सवाल को कैसे टालते दिखे चीनी प्रवक्ता?
जब चीनी मीडिया ने अपने ही रक्षा मंत्रालय से पूछा कि क्या भारत ने PL-15 मिसाइलों को नष्ट कर दिया? तो प्रवक्ता झांग ने सीधा जवाब देने की बजाय "हम भारत-पाकिस्तान से शांति बनाए रखने का आग्रह करते हैं" जैसा बयान दे डाला। यह वही चीन है जो पाकिस्तान को हथियारों से लैस करता है, लेकिन जब उसके हथियार फेल हो जाते हैं, तो शांति की दुहाई देने लगता है। चीन के लिए यह सवाल क्यों मुश्किल था? क्योंकि अगर वह मान लेता कि "हां, हमारी मिसाइल फेल हुई" तो दुनिया भर के ग्राहक (जैसे पाकिस्तान, अफ्रीकी देश) उसके हथियार खरीदना बंद कर देंगे। और अगर वह कहता कि "नहीं, हमारी मिसाइल नहीं थी" तो भारत के पास सबूत थे। इसलिए चीन ने बीच का रास्ता निकाला कि "बात ही बदल दो!"
PAK का चीन पर भरोसा युद्ध में कैसे हो गया फेल?
पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा हथियार खरीदार है। 2020-2024 के बीच पाकिस्तान ने जितने भी हथियार खरीदे, उनमें से 81% चीन से आए। JF-17 फाइटर जेट से लेकर ड्रोन और मिसाइल तक सब कुछ चीन ने दिया। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में यही हथियार पाकिस्तान के सामने फेल साबित हुए। भारतीय वायुसेना ने चीनी मिसाइलों को धूल चटा दी। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान अब भी चीन से हथियार खरीदेगा? या फिर वह समझ जाएगा कि "चीन का सामान सस्ता हो सकता है, लेकिन युद्ध में काम नहीं आता!
क्या चीन का हथियार बाजार डूबेगा?
ऑपरेशन सिंदूर ने चीन की रक्षा तकनीक की पोल खोल दी है। अगर चीन की मिसाइलें भारत जैसे देश के सामने फेल हो सकती हैं, तो अमेरिका या रूस से टकराने की तो बात ही छोड़ दें। चीन अब तक दुनिया को यही बताता रहा है कि उसके हथियार "हाई-टेक और किफायती" हैं, लेकिन PL-15 मिसाइल का मलबा इस दावे को झुठला रहा है। अब देखना यह है कि क्या पाकिस्तान जैसे देश चीन से हथियार खरीदना जारी रखेंगे या फिर वे भी समझ जाएंगे कि चीन का सामान सिर्फ शोऑफ के लिए है, युद्ध के लिए नहीं!
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