अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का बड़ा बयान, कहा ‘हम सीरिया के विद्रोहियों से सीधे सम्पर्क में’
अकाबा: अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिकी अधिकारी सीरिया के विद्रोही समूह के साथ सीधा संपर्क बनाए हुए हैं। हाल ही में इस विद्रोही समूह ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को सत्ता से हटा दिया था। हालांकि, अमेरिका और कई अन्य देशों ने इस समूह को पहले से ही आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। एंटनी ब्लिंकन ऐसे पहले अमेरिकी नेता हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि जो बाइडेन प्रशासन और इस विद्रोही संगठन, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के बीच बातचीत हो रही है। यह समूह विपक्षी दलों के गठबंधन का नेतृत्व कर रहा था जिसने असद को सत्ता से हटाने में भूमिका निभाई थी।
हां, हम HTS और अन्य पक्षों से संपर्क में हैं: ब्लिंकन
जॉर्डन के अकाबा में हुई प्रेस कांफ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ज्यादा बारीकियों पर बात नहीं की है लेकिन यह जरूर कहा कि अमेरिका के लिए इस समूह (HTS) को उसके व्यवहार और शासन में बदलाव को लेकर संदेश देना बहुत जरूरी है। ब्लिंकन ने कहा, ‘हां, हम HTS और अन्य पक्षों से संपर्क में हैं। हमारा सीरियाई जनता के लिए संदेश साफ है कि हम चाहते हैं कि वे आगे बढ़ें और सफल हों। इस लक्ष्य में उनकी मदद करने के लिए हम तैयार हैं।’
रूसी सेना की हो रही वापसी?
जब सीरिया से रूसी सेना की वापसी की रिपोर्टों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसकी पुष्टि तो की लेकिन ज्यादा जानकारी देने से बचते नजर आए। ब्लिंकन ने कहा, ‘मैंने जो कुछ मीडिया में देखा है, वही जानता हूं। इसके अलावा मैं कुछ नहीं कह सकता।’ उन्होंने मीडिया कर्मियों को सलाह दी कि वे इस विषय पर और जानकारी के लिए दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करें।
अमेरिका ने लगा रखा है HTS पर प्रतिबन्ध
एचटीएस जो कभी अल-कायदा से जुड़ा हुआ था उसको 2018 से अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। इस वजह से संगठन और उससे जुड़े लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं लेकिन इन प्रतिबंधों के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों को ये निर्देशित है की ऐसे समूहों के साथ बातचीत कर सकते है और ऐसा करना कानूनी तौर पर मना नहीं है।
HTS ने दमिश्क (Damascus) पर कब्जा करने के बाद सीरिया में सुरक्षा स्थापित करने और सत्ता में बदलाव लाने का प्रयास किया गया है। संगठन जनता को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहा है कि उन्होंने अपने पुराने तरीके छोड़ दिए हैं। वहीं विद्रोही नेताओं का कहना है कि अब उनका आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है और वे एक नई शुरुआत करना चाहते हैं।
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