पाकिस्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ने निकले बिलावल, अमेरिका में मिली फटकार, आतंकी मुद्दे पर US सांसद ने लगा दी क्लास
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जब अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन से मिलने पहुंचे तो उन्हें उम्मीद थी कि अमेरिका पाकिस्तान की तारीफों के पुल बांधेगा, लेकिन हुआ उल्टा। शेरमैन ने बिलावल के सामने ही पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि जब तक तुम आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करोगे, तब तक अमेरिका तुम्हारा साथ नहीं देगा!" यह वही बिलावल भुट्टो हैं, जो कभी भारत को लेकर विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरते थे, लेकिन आज अमेरिका के सामने उनकी पोल खुल गई।
अमेरिका ने आतंक के रखवाले पाक को सुनाई खरी-खरी
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को जमकर लताड़ लगाई। शेरमैन ने कहा कि "जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को दुनिया कैसे भरोसे में लेगी?" उन्होंने याद दिलाया कि जैश-ए-मोहम्मद ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की निर्मम हत्या की थी, और उसका परिवार आज भी इस दर्द को झेल रहा है। शेरमैन ने साफ कहा, "जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक अमेरिका उस पर भरोसा नहीं करेगा।
Met with @BBhuttoZardari, #Pakistan’s Ambassador Sheikh & House Foreign Affairs leadership for a candid conversation about regional tensions following last month’s India-Pakistan conflict, democracy in Pakistan, & counterterrorism in the region. 1/5 pic.twitter.com/NEbcGfY8TS
— Congressman Brad Sherman (@BradSherman) June 5, 2025
अमेरिका ने पाकिस्तान से क्या सवाल पूछे?
ब्रैड शेरमैन ने पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि"पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और अहमदी मुसलमानों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। क्या यही है तुम्हारा लोकतंत्र?" शेरमैन ने मांग की कि पाकिस्तान सरकार इन समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें बिना डर के अपने धर्म का पालन करने दें। यह सवाल पाकिस्तान के लिए बड़ा शर्मिंदगी भरा रहा, क्योंकि अक्सर पाकिस्तानी नेता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानवाधिकारों की दुहाई देते हैं, लेकिन घर में ही अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान की दोगली नीति कैसे हुई उजागर?
अमेरिकी सांसद ने पाकिस्तान की दोगली नीति को एक और उदाहरण देकर उजागर किया। उन्होंने डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई की मांग की, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन को ट्रैक करने में अमेरिका की मदद की थी। शेरमैन ने कहा, "जिस डॉक्टर ने 9/11 के पीड़ितों के लिए न्याय दिलाने में मदद की, उसे पाकिस्तान ने 33 साल की जेल की सजा दे दी। क्या यही है तुम्हारा आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष?" यह सवाल पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के लिए बड़ा असहज करने वाला था, क्योंकि यह साबित करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ईमानदार नहीं है।
क्या पाकिस्तान के 'आतंक की फैक्ट्री' वाली छवि अब बदलेगी?
यह घटना साबित करती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि एक आतंकवाद को पनाह देने वाले देश के रूप में बनी हुई है। बिलावल भुट्टो जैसे नेता भले ही विदेशों में पाकिस्तान का पक्ष रखने जाएं, लेकिन सच्चाई यही है कि दुनिया अब उनके झूठ और दोगलेपन को पहचान चुकी है। अमेरिका का यह सख्त रुख भारत के लिए एक बड़ा राजनयिक जीत है, क्योंकि यह साबित करता है कि पाकिस्तान के आतंकवादी एजेंडे को अब कोई भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान सच में बदलेगा, या फिर वही पुराना राग अलापता रहेगा?
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