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Anita Anand: तमिल पिता और पंजाबी मां की बेटी बनी कनाडा की विदेश मंत्री! अनीता आनंद ने गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा की विदेश मंत्री बनीं, भगवद गीता पर शपथ लेकर इतिहास रचा, पहली अश्वेत महिला विदेश मंत्री बनीं।
12:39 PM May 14, 2025 IST | Rohit Agrawal
भारतीय मूल की अनीता आनंद कनाडा की विदेश मंत्री बनीं, भगवद गीता पर शपथ लेकर इतिहास रचा, पहली अश्वेत महिला विदेश मंत्री बनीं।

कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल की अनीता आनंद ने इतिहास रच दिया है। तमिलनाडु के पिता और पंजाबी मां की संतान अनीता (Anita Anand) को प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की नई कैबिनेट में विदेश मंत्री बनाया गया है। भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाली अनीता कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत महिला हैं। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ कनाडा बल्कि भारत में भी चर्चा का विषय बन गई है।

कौन हैं अनीता आनंद?

20 मई 1967 को नोवा स्कोटिया के केंटविल में जन्मी अनीता के माता-पिता भारतीय मूल के डॉक्टर थे, जो 1960 के दशक में कनाडा आकर बस गए थे। क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान और ऑक्सफोर्ड से कानून की पढ़ाई करने वाली अनीता ने डलहौजी और टोरंटो यूनिवर्सिटी से भी उच्च शिक्षा प्राप्त की। 1994 में वकील बनने से पहले उन्होंने (Anita Anand) येल, क्वीन्स और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।

वैश्विक राजनीति में भारतीय मूल का गौरव

बता दें कि अनीता के विदेश मंत्री बनने को भारतीय डायस्पोरा की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। उन्होंने शपथ ग्रहण के दौरान भगवद गीता का उपयोग करके अपनी सांस्कृतिक जड़ों को सम्मान दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि वह कनाडा-अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

अनीता आनंद का निजी जीवन 

जॉन लॉन्टन से विवाहित अनीता चार बच्चों की माँ हैं। महात्मा गांधी से प्रेरित अनीता लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय की पैरोकार रही हैं। उनके दादा भारत की आजादी की लड़ाई में शामिल थे, जिससे उनमें सार्वजनिक सेवा का संस्कार आया। रॉयल सोसाइटी ऑफ कनाडा द्वारा सम्मानित अनीता ने साबित किया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।

क्यों है यह नियुक्ति खास?

वहीं अनीता आनंद का यह सफर न सिर्फ प्रवासी भारतीयों बल्कि हर उस युवती के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला रखती है। कनाडा की विदेश नीति को नई दिशा देने की इसकी चुनौती अब पूरी दुनिया की नजरों में होगी।

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