12 लाख की आबादी, 48 फीसदी हिंदू...आखिर भारत के लिए क्यों अहम है ये छोटा देश?
Pm Modi in Mauritius: मॉरीशस, हिंद महासागर में बसा एक छोटा सा देश है, जिसकी आबादी महज 12 लाख है। इसमें से 48% लोग हिंदू धर्म को मानते हैं। भारत से इसकी दूरी करीब 5100 किलोमीटर है। सामरिक महत्व के लिहाज से यह देश भारत के लिए बेहद अहम है। केंद्र की मोदी सरकार मॉरीशस के साथ रिश्तों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम से फोन पर बात की।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि अपने मित्र डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से बात कर खुशी हुई। हमने भारत-मॉरीशस की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की। मॉरीशस भारत के ‘विजन महासागर’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पीएम मोदी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में रामगुलाम की सक्रिय भागीदारी की भी तारीफ की।
मार्च में मॉरीशस की यात्रा
इस साल मार्च में पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। यह दूसरा मौका था, जब वे इस समारोह में मुख्य अतिथि बने। इससे पहले 2015 में भी वे इस आयोजन में शामिल हुए थे।
इस दौरान मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा, जो किसी भारतीय नेता को पहली बार मिला। मॉरीशस के प्रधानमंत्री को पीएम मोदी ने जल्द भारत आने का न्योता दिया, और दोनों नेताओं ने नियमित संपर्क में रहने पर सहमति जताई।
हिंद महासागर का सामरिक महत्व
हिंद महासागर वैश्विक व्यापार, ऊर्जा और सैन्य रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र शिपिंग मार्गों और संसाधनों के कारण भूराजनीतिक दृष्टिकोण से अहम है। भारत अपनी समुद्री नीतियों को मजबूत कर इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ा रहा है। पहले भारत की नीति ‘विजन सागर’ पर आधारित थी, जो अब ‘विजन महासागर’ में तब्दील हो चुकी है। यह नीति हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का जवाब देने के लिए बनाई गई है।
‘विजन महासागर’ में मॉरीशस जैसे छोटे द्वीपीय देशों के साथ साझेदारी को मजबूत करना शामिल है, ताकि वे भारत के हितों से अलग न हों। इसके अलावा, समुद्री सुरक्षा, सूचना साझा करना, रक्षा सहयोग और हिंद महासागर की निगरानी को बढ़ावा देना भी इस नीति का हिस्सा है। यह समुद्री डकैती, अवैध मछली पकड़ने और अन्य खतरों से निपटने में मदद करता है।
भारत-मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्ते
भारत और मॉरीशस के बीच 1948 में, यानी मॉरीशस की स्वतंत्रता से पहले ही राजनयिक संबंध स्थापित हो गए थे। संकट के समय भारत हमेशा मॉरीशस के साथ खड़ा रहा, चाहे वह कोविड-19 महामारी हो या वाकाशियो तेल रिसाव का मामला। भारत ने 22 जनवरी 2021 को मॉरीशस को कोविशील्ड वैक्सीन की 1 लाख मुफ्त खुराकें दीं, और बाद में वाणिज्यिक आधार पर अतिरिक्त खुराकें भी भेजीं।
व्यापारिक साझेदारी
वर्ष 2005 से भारत मॉरीशस का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मॉरीशस को निर्यात 778.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि मॉरीशस से भारत का आयात 73.10 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इस तरह, कुल व्यापार 851.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। पिछले 18 वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार 206.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2005-06) से बढ़कर 851.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2023-24) हो गया है। यह मजबूत रिश्ता भारत के सामरिक और आर्थिक हितों को हिंद महासागर क्षेत्र में और सशक्त बनाता है।
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