Winter Wellness 2025: सर्दियों में इन 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से अपनी इम्युनिटी करें मजबूत
Winter Wellness 2025: जैसे-जैसे तापमान गिरना शुरू होता है और सर्दी का मौसम शुरू होता है, हमारे शरीर की इम्युनिटी को अक्सर नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है—बार-बार होने वाली सर्दी-ज़ुकाम से लेकर थकान और रूखी त्वचा तक। आयुर्वेद ठंड के महीनों में (Winter Wellness 2025) इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कई समाधान प्रदान करती है।
अपनी दिनचर्या में कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को शामिल करके, आप स्वाभाविक रूप से अपने शरीर के इम्यून सिस्टम (Winter Wellness 2025) को मज़बूत कर सकते हैं और पूरे मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं। इस लेख में सर्दी में आपको फिट और तरोताज़ा रखने में मदद करने वाली पाँच शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है। आइये डालते हैं एक नजर।
अश्वगंधा - स्ट्रेस बस्टर और इम्युनिटी बढ़ाने वाला
"आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के राजा" के रूप में विख्यात, अश्वगंधा एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है जो शरीर को तनाव और थकान से लड़ने में मदद करता है क्योंकि ये दोनों ही इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकते हैं। एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर, यह ठंड के महीनों में जीवन शक्ति को बढ़ाता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।
रात में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध और एक चुटकी इलायची के साथ लें। इससे न केवल इम्युनिटी बढ़ती है, बल्कि नींद की क्वालिटी भी बेहतर होती है।
तुलसी - संक्रमण से बचाने वाली
हर भारतीय घर में पूजनीय, तुलसी को अक्सर इसकी उपचार शक्ति के लिए "जड़ी-बूटियों की रानी" कहा जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो संक्रमण से लड़ते हैं, कफ से राहत दिलाते हैं और श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं - जो इसे सर्दियों में स्वास्थ्य के लिए एक आदर्श जड़ी-बूटी बनाता है।
तुलसी के कुछ ताज़े पत्तों को पानी में उबालें, उसमें शहद और नींबू मिलाएँ, और इसे दिन में दो बार गर्म करके पिएँ। तुलसी की चाय न केवल गले को आराम देती है, बल्कि नाक के मार्ग को भी साफ़ करती है।
गिलोय - मौसमी बीमारियों से बचाव का कवच
अमृता या "अमरता की जड़" के नाम से भी जानी जाने वाली गिलोय आयुर्वेद के सबसे शक्तिशाली इम्युनिटी बूस्टर में से एक है। यह अपने सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभावों के लिए जानी जाती है, जो शरीर को संक्रमणों से लड़ने और आंतरिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
गिलोय के रस (10-15 मिलीलीटर) को पानी में मिलाकर रोज़ सुबह खाली पेट पिएँ। अगर ताज़ा तने उपलब्ध न हों, तो आप गिलोय की गोलियाँ या चूर्ण भी ले सकते हैं।
आंवला - विटामिन सी का भंडार
आंवला विटामिन सी के सबसे समृद्ध प्राकृतिक स्रोतों में से एक है, जो मज़बूत इम्युनिटी के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। आंवले का नियमित सेवन त्वचा को तरोताज़ा करता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और सर्दियों में होने वाले श्वसन संक्रमणों से बचाता है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं को मज़बूत करके शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को भी मज़बूत बनाता है।
रोज़ सुबह एक बड़ा चम्मच आंवले का रस गर्म पानी में पिएँ, या रोज़ाना एक कच्चा आंवला खाएँ। आप इसे चटनी में या आंवला कैंडी के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मुलेठी - श्वसन संबंधी राहत के लिए मीठी जड़ी-बूटी
मुलेठी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग गले में खराश, खांसी और नाक बंद होने जैसी आम सर्दियों की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह श्लेष्मा झिल्ली को आराम पहुँचाती है और श्वसन मार्ग को साफ़ करती है, जिससे ठंड के मौसम में साँस लेना आसान हो जाता है।
मुलेठी के एक छोटे टुकड़े को पानी में उबालें और इसे हर्बल चाय की तरह पिएँ। गले की जलन से राहत पाने के लिए आप मुलेठी के पाउडर को शहद में भी मिला सकते हैं।
सर्दियों में इम्युनिटी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय
इन जड़ी-बूटियों के साथ-साथ, आयुर्वेद सर्दियों में बेहतर स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली में बदलाव पर भी ज़ोर देता है:
- सूप, घी और मौसमी सब्ज़ियों जैसे गर्म और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- सूखेपन से बचने के लिए तिल या सरसों के तेल से शरीर की मालिश करें।
- अपने शरीर को सक्रिय और मन को शांत रखने के लिए रोज़ाना योग और प्राणायाम करें।
- हाइड्रेटेड रहें - ठंडे पेय पदार्थों की बजाय गर्म पानी या हर्बल चाय पिएँ।
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