Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज में महिलाएं क्यों पहनती हैं हरी चूड़ियां? जानिए कारण
Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज, उत्तर भारत, राजस्थान और नेपाल में मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक जीवंत हिंदू त्योहार है। यह भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन को समर्पित है। मानसून के मौसम में मनाया जाने वाला यह त्योहार (Hariyali Teej 2025) प्रेम, भक्ति और वैवाहिक आनंद का प्रतीक है। इस वर्ष हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई को मनाया जाएगा।
क्यों मनाया जाता है यह त्योहार?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, तीज भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि पार्वती ने शिव का प्रेम और स्वीकृति पाने के लिए वर्षों तक घोर तपस्या और अटूट भक्ति की थी। उनके समर्पण से अभिभूत होकर, भगवान शिव ने अंततः उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। हरियाली तीज आने (Hariyali Teej 2025) ही वाली है, तो आइए इस रहस्य को उजागर करें कि इस त्योहार का रंग हरा क्यों है?
हरियाली तीज पर महिलाएं हरा रंग क्यों पहनती हैं?
हरियाली तीज पर महिलाएं हरा रंग इसलिए पहनती हैं क्योंकि हरा रंग समृद्धि, उर्वरता, सद्भाव और नई शुरुआत का प्रतीक है, और ये सभी प्रकृति और मानसून के मौसम से गहराई से जुड़े हैं।
"हरियाली" शब्द का अर्थ ही हरियाली है, जो बारिश से आई हरियाली और ताज़गी को दर्शाता है। इसलिए, हरा रंग पहनना विवाहित महिलाओं के लिए खुशी और समर्पण व्यक्त करने का एक तरीका है, और यह वैवाहिक सुख और उनके पतियों की भलाई का प्रतीक है। यह त्योहार मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा देवी पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मिलन के सम्मान में मनाया जाता है।
हरियाली तीज 2025: पूजा विधि
हरियाली तीज सूर्योदय के समय शुरू होती है, जब महिलाएँ लाल या हरी साड़ियाँ पहनती हैं, मेहँदी लगाती हैं, रंग-बिरंगी चूड़ियाँ पहनती हैं और पारंपरिक श्रृंगार से अपने रूप को पूर्ण करती हैं।
देवी पार्वती की मूर्ति को एक सुंदर ढंग से सजाए गए मंच पर स्थापित किया जाता है, जिसके चारों ओर फूल, मिठाई और नारियल जैसे प्रसाद रखे जाते हैं। पूजा की शुरुआत दीया जलाकर और भक्ति गीतों के गायन से होती है।
विवाहित महिलाएँ अपने पति की भलाई और दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत (बिना अन्न-जल के उपवास) रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियाँ अच्छे जीवनसाथी की कामना से उपवास रखती हैं। यह दिन हर्षोल्लास से भरा होता है—लोकगीत, नृत्य और सजे-धजे झूलों पर झूलना इस ऋतु का सार प्रस्तुत करते हैं।
हरियाली तीज 2025 कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज का त्योहार रविवार, 27 जुलाई को मनाया जाएगा।
हरियाली तीज 2025 के लिए शुभ तृतीया तिथि का समय इस प्रकार है:
तृतीया तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई को रात 10:41 बजे
तृतीया तिथि समाप्त: 27 जुलाई को रात 10:41 बजे
इस साल तीज इतनी खास क्यों है?
तीज 2025 को और भी खास बनाने वाली बात यह है कि यह श्रावण ऋतु के मध्य में आती है, जब भक्ति की ऊर्जा अपने चरम पर होती है।
मानसून के पूरे शबाब पर होने के साथ, त्योहार की भावना और भी बढ़ जाती है, हरी-भरी हरियाली से लेकर घरों में गूंजते पवित्र गीतों तक। इस साल, महिलाएं न केवल परंपरा का पालन कर रही हैं; वे एक ऐसी कहानी से फिर जुड़ रहे हैं जो आंतरिक शक्ति, निष्ठा और स्त्रीत्व का उत्सव मनाती है।
तेज़ी से भागती दुनिया में, तीज हमें रुककर चिंतन करने और प्रेम तथा प्रार्थना में निहित शक्ति का सम्मान करने की याद दिलाता है।
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