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Yoga Timing: कब करना चाहिए योग, कौन सा समय होता है सबसे उपयुक्त? जानें योगाचार्य से

योगाचार्य कंदर्प शर्मा कहते हैं कि ध्यान से देखें तो हम पाएंगे की हर क्षण योग हो रहा है।
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Yoga Timing

Yoga Timing: योग के लाभों को अधिकतम करने में योग करने का समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपनी जीवनशैली के अनुसार योग करने का सही समय चुनने से शरीर, मन और श्वास के साथ स्थिरता और गहरा जुड़ाव सुनिश्चित होता है, जिससे योग अधिक प्रभावी और परिवर्तनकारी बनता है। योग कब करना चाहिए और इसके लिए सबसे उपयुक्त समय (Yoga Timing) क्या है, आइये जानते हैं योगाचार्य कंदर्प शर्मा से।

क्या है योग?

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, योग करने का एक सही समय (Yoga Timing) होता है। जैसा कि हमने अब तक बताया है कि योग हमारे अस्तित्व को एक लय में लाने का माध्यम है। जब तक जगत का ध्यान स्वयं पर केंद्रित नहीं हो पाता है, योग का कोई अर्थ नहीं है। योग यात्रा, जगत से स्वयं की ओर की यात्रा है। भूतकाल की यादे क्रमशः अच्छी या दुखदायी हो सकती हैं। भविष्य की योजनाएं कि कल क्या करेंगे, परिवार का क्या होगा, बच्चे जीवन में कुछ कर पाएंगे अथवा नहीं? कुछ चिन्ताएं, कुछ डर, कुछ समस्याएं, कुछ निर्णय, क्रमशः योग भूतकाल और भविष्य से स्वयं की और अर्थात वर्तमान में रहने का विज्ञान है।

Yoga Timing: कब करना चाहिए योग, कौन सा समय होता है सबसे उपयुक्त? जानें योगाचार्य से

हर क्षण हो रहा है योग

योगाचार्य कंदर्प शर्मा कहते हैं कि ध्यान से देखें तो हम पाएंगे की हर क्षण योग हो रहा है। वह समय जब हम वर्तमान में हैं, प्रसन्न हैं, चिन्ता मुक्त हैं, किसी योजना में नहीं लगे हैं, पूर्ण रूप से एक क्षण में हैं, यही योग है। सांस वर्तमान में चलती है, सांस का चलना ही जीवन है, जीवन आनंद स्वरुप है। यदि हमारा मन हर स्खन सांस के साथ ले तो जितना भी समय हम स्वयं के साथ हैं, हर क्षण योग घटित हो रहा है। छोटे बच्चों को ध्यान से देखो, तो पाते हैं, हर क्षण का आनंद ले रहे हैं। एक स्टडी में पाया है कि बच्चे दिन में 400 बार मुस्कराते हैं। इसलिए बच्चों को जल्दी सोना और जल्दी उठना स्वस्थ व्यक्तित्व की कुंजी है।

Yoga Timing: कब करना चाहिए योग, कौन सा समय होता है सबसे उपयुक्त? जानें योगाचार्य से

कब करना चाहिए योग?

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, योग अभ्यास शौच आदि से निवृत होकर ब्रह्ममुहूर्त में करने की सला दी जाती है। यदि तरल आहार लिया हो तो 45 से 60 मिनट के बाद, अल्पाहार किया हो तो 2.5 से 3 घंटे के बाद, और यदि भर पेट हों तो 4 से 5 घंटे के बाद योग का अभ्यास उचित होता है। योग के समय पेट हल्का होना चाहिए। स्नान के बाद योग करना अच्छा है, पर योग अभ्यास के बाद स्नान करना हो, तो करीब 30 से 45 मिनिट का अंतराल ले ले। हम सुबह के समय में भी योग अभ्यास कर सकते हैं।

योगाचार्य कहते हैं कि स्वयं पर ध्यान देवें, अभ्यास के दोरान थोड़ा पानी पी सकते हैं। मल मुत्र को रोके नहीं और अपने शरीर की क्षमता के अनुसार योग अभ्यास करें। आए हम सब मिलकर योगी बनें, मस्त बनें, स्वस्थ बनें।

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