नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

Pranayam: क्या है प्राणायाम? योगाचार्य से जानिए इसके फायदे और करने की विधि

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, प्राणायाम नियंत्रित श्वास का एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है।
05:02 PM Sep 30, 2025 IST | Preeti Mishra
योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, प्राणायाम नियंत्रित श्वास का एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है।
Pranayam

Pranayam Benefits: योग की तीन विधाएँ हैं: प्राणायाम, योगासन और ध्यान। जहां पहले दो अभ्यास शरीर को कई विकारों से उबरने और मांसपेशियों व हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं, वहीं अंतिम अभ्यास, ध्यान, मन को प्रशिक्षित करता है और उसे चेतना के उच्च स्तर के लिए तैयार करता है। आज हम इस लेख में योगाचार्य कंदर्प शर्मा से जानेंगे क्या है प्राणायाम और इसके फायदे (Pranayam Benefits) क्या-क्या हैं।

क्या है प्राणायाम?

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, प्राणायाम नियंत्रित श्वास का एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। प्राणायम दो शब्दों प्राण और आयाम से मिलकर बना है। प्राण अर्थात जैविक उर्चा और आयाम मतलब रखना। इसका अर्थ है प्राणायम (Pranayam Benefits) शरीर में सांस के माध्यम से जैविक उर्चा को अलग-अलग भागों तक पंहुचाने के लिए है।

कई तरह के होते हैं प्राणायम

प्राणायम का अभ्यास निरंतर और सही तरीके से किया जाये तो प्राणों का स्तर अर्थात ऊर्जा बढ़ेगी। प्राणायम का ज्ञान और अभ्यास हमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबुत बनाते हैं। योग शास्त्र में कुछ प्रचलित प्राणायम हैं।

पहला भस्त्रिका प्राणायाम- इसमें सांस की गति और फेफड़ों को मजबुत करता है।
दूसरा शीतली प्राणायाम- यह मानसिक तनाव दूर करने में उपयोगी होता है।
तीसरा उज्जायी प्राणायाम- उज्जायी शब्द संस्कृत के दो शब्दों "उद" (ऊपर) और "जय" (विजय) से बना है, जिसका अर्थ है "विजयी" या "जो विजय प्राप्त करता है"।
चौथा चंद्रभेदी प्राणायाम- इसका अर्थ है चंद्रभेदी प्राणायाम का अर्थ है 'चंद्रमा को भेदने वाली श्वास'।
पांचवां सूर्यभेदी प्राणायाम- सूर्यभेदी प्राणायाम शरीर में गर्मी उत्पन्न करता है और सूर्य नाड़ी अर्थात दांए स्वर को सक्रिय करता है।
छठा नाड़ी शुद्धि प्राणायाम- इसे करने से सभी नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है।

कैसे करते हैं नाड़ी शुद्धि प्राणायाम और क्या हैं इसके फायदे?

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, नाड़ी शुद्धि प्राणायाम के अभ्यास से नाडी तंत्र को संतुलित करके बिमारी को जड़ से दूर करने में सहायता मिलती है। यह नासिका द्वार को साफ करता है, पाचन गतिविधियों को संतुलित करता है, इसमें प्राण वायु शिरा में अच्छी तरह से पंहुचती है, रक्त शुद्ध होता है, तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है।

सावधानियां- इसको करने में जल्दबाजी ना करें। मुख को बंद रखें। श्वास नाक से लें और नाक से छोड़ें। इस योग को भोजन के तुरंत बाद ना करें।
कैसे करें- पद्मासन या अर्ध पद्मासन में बैठ जाएँ। कमर और गर्दन को सीधा रखें, रीढ़ की हड्डी सीधी रखें, कंधे ढीले रखें। बाएं हाथ को घुटने पर और हथेली आसमान की और ज्ञान मुद्रा में रख सकते हैं। दाएं हाथ के अंगुठे को दाई नासिका और अनामिका को बायीं नासिका पर रखें।
अनुक्रम- पहले गहरी स्वांस बाईं नासिका से भरें। बाई नासिका बंद कर लें। दाई नासिका से स्वांस छोडें। दाई नासिका से पुनः स्वांस भरें। दायीं नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से स्वांस धीरे धीरे छोडें। यह एक चक्र पुर्ण होगा।

योगाचार्य कंदर्प शर्मा के अनुसार, ऐसे-ऐसे 9-10 चक्र का अभ्यास करें। स्वांस लेने और छोडने का अनुपात सही रखें। शुरु में स्वांस लेने और छोड़ने में बराबर का समय लगाएं। 14-15 दिन इसका अभ्यास करें। नाड़ी शोधन अंतर कुम्भक और बाह्य कुंभक के साथ। अंतर कुम्भक अर्थात सांस को शरीर के। बाह्य कुंभक अर्थात स्वांस को शरीर के बाहर रोकना।

इसको कैसे करें?

योगाचार्य कंदर्प शर्मा बताते हैं कि बायीं नासिका से स्वांस भरें। बायीं नासिका बंद कर स्वांस अंदर रोकें। दायीं नासिका खोलें और स्वांस बाहर छोड़ें। स्वांस बहार रोकें। पुनः दायीं नासिका से स्वांस भरें। स्वांस अंदर रोकें। बायीं नासिका से स्वांस छोड़ें। इसके बाद बायीं नासिका बंद करें और सांस बहार रोकें। यह एक चक्र पूर्ण हुआ। ऐसे 9-10 चक्र का अभ्यास करें। इसका अनुपात 1-1-1-1 रखें। कुशलता आने पर आप इस अनुपात को बढ़ा भी सकते हैं। 1-4-2-2 और 2-8-4-4 इस तरह प्राणायम के अभ्यास से हम शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक मजबूती प्राप्त कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें: Yoga: योग का अर्थ है स्वयं में ईश्वर को खोजना, बता रहे हैं योगाचार्य

Tags :
Breathing exercises in yogaDaily Pranayam practice benefitsPranayam benefitsPranayam for healthPranayam for immunityPranayam for stress reliefPranayam yoga benefitsWhat is PranayamYoga and Pranayam techniquesYogacharya Kandarp Sharma Pranayam tips

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article