Viral Illness: दिल्ली-NCR में H3N2 का प्रकोप, जानिए क्या है यह वायरस और इसका इलाज
Viral Illness: जैसे-जैसे मानसून की बारिश कम हो रही है, दिल्ली-एनसीआर वायरल बीमारियों में तेज़ी से वृद्धि से जूझ रहा है। इन्फ्लूएंजा से लेकर H3N2 संक्रमण तक, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद के निवासी बड़ी संख्या में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ (Viral Illness) की शिकायत कर रहे हैं।
लोकल सर्किल्स द्वारा 11,000 से ज़्यादा प्रतिक्रियाओं वाले एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 69% घरों में वर्तमान में एक या एक से ज़्यादा लोग कोविड/फ्लू/वायरल बुखार के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि 37% उत्तरदाताओं (Viral Illness) ने कहा कि उनके घर के चार या उससे ज़्यादा सदस्य बीमार हैं, जबकि केवल 25% ने कोई मामला दर्ज नहीं कराया।
H3N2 वायरस फ़ैल रहा है तेजी से
डॉक्टरों ने H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस को प्रमुख स्ट्रेन के रूप में पहचाना है। सामान्य मौसमी फ्लू के विपरीत, जो 5-7 दिनों में ठीक हो जाता है, इस प्रकोप से उबरने में 10 दिन तक लग सकते हैं।
अस्पतालों में निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और सांस लेने में तकलीफ के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। पैरासिटामोल जैसी बिना डॉक्टरी पर्ची वाली दवाएं कई लोगों के लिए अप्रभावी साबित हो रही हैं, जिसके कारण अस्पताल में परामर्श की संख्या बढ़ रही है।
H3N2 क्या है?
H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस का एक उपप्रकार है, जिसकी पहचान इसके सतही प्रोटीन: हीमाग्लगुटिनिन टाइप 3 (H3) और न्यूरामिनिडेस टाइप 2 (N2) से होती है। यह मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक है और समय के साथ उत्परिवर्तित होता रहता है, जिससे यह अलग-अलग तीव्रता के साथ बार-बार होने वाले प्रकोपों को ट्रिगर करने में सक्षम होता है। H3N2 आमतौर पर संवेदनशील समूहों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और अस्थमा, डायबिटीज या हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को ज़्यादा प्रभावित करता है।
H3N2 के लक्षण
H3N2 आमतौर पर अचानक तेज़ बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, लगातार खांसी, सिरदर्द और गंभीर थकान से शुरू होता है। नाक बंद होना और शरीर में दर्द भी आम है। कुछ मरीज़ों, खासकर बच्चों को, मतली या दस्त जैसी जठरांत्र संबंधी समस्याओं का अनुभव हो सकता है। हालाँकि सामान्य फ्लू के लक्षण लगभग 5-7 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई मरीज़ों को ठीक होने में 10 दिनों से ज़्यादा समय लगता है, जिसमें खांसी और थकान बनी रहती है।
H3N2 से कैसे बचें?
संक्रमण से बचने के लिए, नियमित रूप से हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना, वेंटिलेशन बनाए रखना और मौसमी फ्लू का टीका लगवाना, खासकर उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए, अत्यधिक अनुशंसित है। H3N2 के प्रसार और गंभीरता को रोकने के लिए शीघ्र पहचान और त्वरित देखभाल महत्वपूर्ण है।
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