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HealthCare: सावधान! खाना खाते समय फोन पर बात करना बन सकता है आपकी मौत का कारण

आज की तेज़-तर्रार दुनिया में कई लोग फ़ोन स्क्रॉल करते हुए, मैसेज का जवाब देते हुए या कॉल उठाते हुए खाना खाते हैं
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Health News: आज की तेज़-तर्रार दुनिया में, मल्टीटास्किंग एक आम बात हो गई है। कई लोग फ़ोन स्क्रॉल करते हुए, मैसेज का जवाब देते हुए या कॉल उठाते हुए खाना खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दिखने में हानिरहित आदत आपकी जान ले सकती है? खाते समय फ़ोन पर बात करने से न सिर्फ़ आपका पाचन तंत्र बिगड़ता है, बल्कि इससे घुटन, साँस लेने में तकलीफ और जानलेवा दुर्घटनाओं का ख़तरा भी बढ़ जाता है। डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि इस तरह की व्याकुलता आपके शरीर को खाने के दौरान ज़रूरी रिफ़्लेक्सेस को समन्वित करने से रोक सकती है।

Health Alert: सावधान! खाना खाते समय फोन पर बात करना बन सकता है आपकी मौत का कारण

घुटन का खतरा बढ़ जाता है

जब आप खाते समय बात करते हैं, तो आपकी वायुमार्ग और भोजन मार्ग एक साथ काम करते हैं, जिससे भोजन के कण श्वासनली में प्रवेश कर सकते हैं। इससे घुटन होती है - एक चिकित्सीय आपात स्थिति जो वायुमार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध होने पर कुछ ही मिनटों में घातक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, प्रतिक्रिया में थोड़ी सी भी देरी से भोजन को बाहर निकालना मुश्किल हो सकता है। अगर आप फ़ोन पर बातचीत में व्यस्त हैं, तो आपको घुटन के शुरुआती लक्षण, जैसे खाँसी या साँस लेने में कठिनाई, दिखाई भी नहीं दे सकते हैं।

सुझाव: भोजन को हमेशा अच्छी तरह चबाएँ और तब तक बात न करें जब तक आप उसे पूरा निगल न लें।

खराब पाचन और पेट फूलना

खाते समय फ़ोन पर बात करने से न केवल श्वास समन्वय (breathing coordination) प्रभावित होता है, बल्कि आपकी पाचन लय भी बाधित होती है। जब आपका ध्यान बंटा होता है, तो आप तेज़ी से खाते हैं, हवा निगलते हैं, और भोजन को ठीक से चबा नहीं पाते। इससे पेट फूलना, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, फोन कॉल से उत्पन्न तनाव - विशेष रूप से कार्य-संबंधी या भावनात्मक - शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को उत्तेजित करके पाचन तंत्र से ऊर्जा को हटाकर पाचन को और अधिक खराब कर सकता है।

एस्पिरेशन और संक्रमण का ख़तरा

एस्पिरेशन तब होता है जब भोजन या तरल पदार्थ गलती से पेट की बजाय फेफड़ों में चला जाता है। इससे एस्पिरेशन निमोनिया हो सकता है, जो एक गंभीर स्थिति है और फेफड़ों में संक्रमण या श्वसन विफलता का कारण बन सकती है। जब आप खाते समय बोलते या हंसते हैं, तो आपका एपिग्लॉटिस (एक छोटा सा फ्लैप जो भोजन को फेफड़ों में जाने से रोकता है) ठीक से बंद नहीं हो पाता, जिससे कण वायुमार्ग में चले जाते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि छोटे कण भी समय के साथ फेफड़ों में सूजन और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

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बिना सोचे-समझे खाना ज़्यादा खाने की ओर ले जाता है

खाते समय फ़ोन पर बातचीत करने या सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने से आप अपने भोजन से विमुख हो जाते हैं। यह घटना, जिसे बिना सोचे-समझे खाना कहा जाता है, आपके मस्तिष्क के लिए तृप्ति के संकेतों को समझना मुश्किल बना देती है। नतीजतन, आप अनजाने में ही ज़्यादा खा लेते हैं। समय के साथ, यह आदत वज़न बढ़ने, मोटापे और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनती है।

सुझाव: केवल अपने भोजन पर ध्यान केंद्रित करके ध्यानपूर्वक खाने का अभ्यास करें - इसकी सुगंध, स्वाद और बनावट का आनंद लें।

मानसिक तनाव और भोजन का कम आनंद

भोजन आराम और स्फूर्तिदायक होना चाहिए, लेकिन खाते समय फ़ोन का इस्तेमाल करने से आपका मस्तिष्क अत्यधिक उत्तेजित हो जाता है। फ़ोन कॉल, खासकर गंभीर या तनावपूर्ण, आपके कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे तनाव और पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो सकता है। इसके अलावा, आप खाने के साधारण आनंद से भी वंचित रह जाते हैं—खाने के स्वाद की कद्र करना, परिवार के साथ घुलना-मिलना, या अपने दिन के बारे में सोचना।

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एक्सपर्ट ओपिनियन : आपको क्या करना चाहिए

भोजन के दौरान फ़ोन को दूर रखें—साइलेंट या एयरप्लेन मोड पर स्विच करें।
गले में अटकने से बचने के लिए सीधे बैठें और धीरे-धीरे खाएं।
अच्छी तरह चबाएँ—विशेषज्ञ एक निवाले को कम से कम 20-30 बार चबाने की सलाह देते हैं।
ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से बचें—खाते समय टीवी, लैपटॉप या फ़ोन पर बातचीत न करें।
अगर आपको खाते समय घुटन, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

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