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Silent Heart Attack: क्यों हो रहे हैं लोग साइलेंट हार्ट अटैक के शिकार? डॉक्टर से जानिए कारण और इलाज़

Silent Heart Attack: आजकल बहुत ज्यादा साइलेंट हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं। खासकर युवा वर्ग इसका शिकार बन रहा है।
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Silent Heart Attack: आजकल बहुत ज्यादा साइलेंट हार्ट अटैक के मामले देखे जा रहे हैं। खासकर युवा वर्ग इसका शिकार बन रहा है। लेकिन ये क्यों और कैसे हो रहा है, इसका सटीक अनुमान लगाना अभी भी जटिल है। फिर भी डॉक्टर इसके कुछ लक्षणों को इग्नोर ना करने की सलाह देते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो दिल में प्लाक जमा होने और स्मार्ट मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल करने से भी साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहा है। उल्लेखनीय है कि मोबाइल से निकलने वाली किरणों का असर सीधे दिल पर पड़ता है।

क्या है साइलेंट हार्ट अटैक?

साइलेंट हार्ट अटैक, जिसे साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन के रूप में भी जाना जाता है, बिना ध्यान देने योग्य लक्षणों के या हल्की असुविधा के साथ होता है जिसे अक्सर अन्य स्थितियों के लिए गलत समझा जाता है। एक सामान्य दिल के दौरे के विपरीत, जो गंभीर सीने में दर्द और सांस फूलने का कारण बनता है, एक साइलेंट हार्ट अटैक का पता नहीं चल पाता है, जिससे भविष्य में हृदय संबंधी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

साइलेंट अटैक की कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई है, जिससे सोचकर ही डर लगने लगा है, किसी को शादी समारोह में डांस करने के दौरान तो किसी को एक्सरसाइज, मार्निंग वॉक करते हुए तो कुछ पढ़ाई के दौरान साइलेंट अटैक के शिकार हुए।

ग्वालियर से सामने आया है एक मामला

ताजा मामला ग्वालियर अंचल के श्योपुर जिले का है जहां एक दूल्हा घोड़े पर बैठे-बैठे ही साइलेंट अटैक का शिकार हुआ। ऐसे में इन घटनाओं को देखकर लोगों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। युवाओं में साइलेंट अटैक के पीछे यह भी माना जा रहा है कि हार्ट की नसों में ब्लॉकेज रूपी प्लाक (blood clot formation) जमने लगता है और एक सीमा के बाद यह फट जाता है। जिससे साइलेंट अटैक के मामले हो रहे हैं..75 फीसदी अटैक की समस्या प्लाक फटना बताया जा रहा है साथ ही लाइफ स्टाइल में बदलाव और कोरोना महामारी के बाद बॉडी में रेसिस्टेंट पॉवर की कमी को अहम कारण माना भी जा रहा है।

साइलेंट हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?

आधुनिक गतिहीन जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर खान-पान, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन और व्यायाम की कमी उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर में योगदान करती है, ये सभी मूक दिल के दौरे के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं। बढ़ते तनाव और चिंता से कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाकर और धमनी सूजन का कारण बनकर हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

डायबिटीज या हाई ब्लडप्रेशर से पीड़ित लोगों में अक्सर तंत्रिका क्षति होती है जिससे उनकी दर्द महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे दिल के दौरे का पता लगाना कठिन हो जाता है। बहुत से लोग हल्की असुविधा, मतली, चक्कर आना या थकान जैसे हल्के लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं, जो साइलेंट हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। वृद्ध वयस्कों और महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। महिलाएं अक्सर असामान्य लक्षणों का अनुभव करती हैं, जिससे निदान मुश्किल हो जाता है।

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण

चूंकि साइलेंट हार्ट अटैक क्लासिक हार्ट अटैक लक्षणों के साथ मौजूद नहीं होते हैं, इसलिए सूक्ष्म संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है:

छाती, पीठ के ऊपरी हिस्से या बांहों में हल्की असुविधा
थकान या कमजोरी
सांस लेने में कठिनाई
चक्कर आना या चक्कर आना
अपच, मतली, या पेट में परेशानी
पसीना आना

क्या कहना है डॉक्टर का?

इस संबंध में सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश मोदी का कहना था कि साइलेंट हार्ट अटैक के कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं।

- सबसे बड़ा कारण है मेन्टल और फिजिकल स्ट्रेस। स्ट्रेस बॉडी के क्लॉक्स को डिस्टर्ब करते हैं। बॉडी के कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ा रहे होते हैं।
- दूसरा है अस्वास्थ्यकर फ़ूड हैबिट।
- स्मोकिंग, शराब पीना भी है एक कारण
- कुछ अनुवांशिक कारण
- मोबाइल का ज्यादा उपयोग करना

डॉ आकाश मोदी ने बताया कि लाइफ़स्टाइल में बदलाव करें। इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद बॉडी में रेसिस्टेंट पॉवर की कमी को दूर करें। यही नहीं, आर्टिफ़िशियल स्वीटनर्स से भरपूर ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड मीट खाने से भी बचें।

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