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New Year 2024: हर साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। New Year 2024: आज से नए साल 2024 का आगाज हो चुका है। हर जगह नए साल का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है तो वहीं कई देशों में तो नए साल ( New Year 2024)का जश्न...
02:22 PM Jan 01, 2024 IST | Juhi Jha
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। New Year 2024: आज से नए साल 2024 का आगाज हो चुका है। हर जगह नए साल का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है तो वहीं कई देशों में तो नए साल ( New Year 2024)का जश्न...

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। New Year 2024: आज से नए साल 2024 का आगाज हो चुका है। हर जगह नए साल का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है तो वहीं कई देशों में तो नए साल ( New Year 2024)का जश्न काफी दिन पहले से ही शुरू हो जाता है। हम सभी जानते है कि हर साल 1 जनवरी को ही नए साल के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ 1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है। नया साल का जश्न 12 महीनें में से किसी दूसरी तारीख या​ फिर किसी दूसरे महीनें में क्यों नहीं मनाया। तो आज आपकों अपने सभी सवालों के जवाब यहां मिलने वाले है। आज हम आपको बताएंगे की आखिर हर साल 1 जनवरी को ही नए साल का जश्न क्यों मनाया जाता है। तो आइए जानते है:—

1582 में हुई थी इसकी शुरूआत

आपको जानकर हैरानी होगी पहले के समय में नया साल नहीं मनाया जाता था। पहले के समय में लोग कभी मार्च तो कभी दिसंबर में नया साल मनाते थे। लेकिन 15 अक्तूबर 1582 में 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाने की शुरूआत हुई। कहा जाता है कि रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में कुछ बदलाव किए थे जिसके बाद से जनवरी को साल का पहला महीना माने जाने लगा। जनवरी से पहले मार्च में नया साल का जश्न मनाने की परंपरा थी। इसके पीछे एक रोचक कहानी भी है।

क्या है इसके पीछे की कहानी

हम सभी जानते है कि मार्च माह का नाम मार्स ग्रह पर रखा गया था और मार्स को मंगल ग्रह कहा जाता है। रोम में लोग मार्स को युद्ध का देवता का रूप मानते है। वहीं सर्वप्रथम जिस कैलेंडर को रोमन द्वारा बनाया गया था उसमें सिर्फ 10 महीने ही हुआ करते थे और ऐसे में एक साल में सिर्फ 310 दिन ही होते थे। वहीं सप्ताह सिर्फ 8 सप्ताह ही माने जाते थे। जानकारी के अनुसार रोमन शासक जूलियस सीजर द्वारा कैलेंडर में बदलाव किए गए थे और सीजन ने ही 1 जनवरी से नए साल मनाने की परंपरा शुरू की थी।

लीप ईयर को लेकर खोजी गलती

जूलियस ने कैलेंडर में बदलाव करने के बाद साल में 10 की जगह 12 महीने कर दिए। जूलियस ने सबसे पहले खगोलविदों से बात की जिसके बाद यह पता चला कि धरती 365 दिन और 6 घंटे होते है। इसके बार जूलियस ने अपने कैलेंडर में 365 दिन कर दिया। लेकिन 1882 में पोप ग्रेगरी ने जूलियस के कैलेंडर में लीप ईयर को लेकर गलती खोजी। उस समय के प्रसिद्ध धर्म गुरू सेंट बीड ने बताया कि एक साल में 365 दिन, 5 घंटे और 46 सेकंड होते हैं। इसके तुरंत बाद रोमन कैलेंडर में बदलाव किया गया और एक नया कैलेंडर लोगों के सामने पेश किया गया। तब से ही पूरी दुनिया में 1 जनवरी से नया साल मनाने की शुरूआत हुई।

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