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एशिया के कई देशों में कोविड-19 की नई लहर, जानिए बूस्टर खुराक ज़रूरी है या नहीं?

एशिया के कई हिस्सों में एक बार फिर से कोरोना का खतरा सिर उठाता नजर आ रहा है। सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, हांगकांग और भारत जैसे देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत में अभी स्थिति...
11:54 AM May 22, 2025 IST | Sunil Sharma
एशिया के कई हिस्सों में एक बार फिर से कोरोना का खतरा सिर उठाता नजर आ रहा है। सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, हांगकांग और भारत जैसे देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत में अभी स्थिति...

एशिया के कई हिस्सों में एक बार फिर से कोरोना का खतरा सिर उठाता नजर आ रहा है। सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, हांगकांग और भारत जैसे देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। तो क्या फिर से बूस्टर डोज लेना जरूरी हो गया है? आइए जानें मौजूदा हालात, वैरिएंट की जानकारी और जरूरी एहतियात।

कहां-कहां फिर से बढ़े कोरोना के मामले?

मई 2025 की शुरुआत में सिंगापुर में 14,000 से ज्यादा नए केस दर्ज किए गए, जो पिछले साल के मुकाबले 28% ज्यादा हैं। हांगकांग में सिर्फ 10 हफ्तों में संक्रमण के मामलों में 30 गुना वृद्धि हुई है। चीन में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट दोगुनी हो चुकी है और थाईलैंड में अप्रैल के सोंगक्रान फेस्टिवल के बाद मामले बढ़े हैं। भारत की बात करें तो 19 मई 2025 तक कुल 257 सक्रिय केस सामने आए हैं। ये केस मुख्य रूप से केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से जुड़े हैं। हालांकि संख्या कम है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।

कोविड की नई लहर का कारण कौन-सा वैरिएंट है?

इस बार की लहर के पीछे ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट JN.1 और उसके सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 हैं। WHO ने दिसंबर 2023 में JN.1 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया था। ये वैरिएंट्स काफी तेजी से फैलते हैं, लेकिन अब तक के आंकड़ों के मुताबिक ये गंभीर लक्षण पैदा नहीं कर रहे हैं। अधिकांश मामलों में बुखार, गले में खराश, हल्की खांसी और बदन दर्द जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।

भारत की स्थिति फिलहाल कैसी है?

भारत में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। देश की बड़ी आबादी को देखते हुए 257 सक्रिय केस काफी कम माने जा रहे हैं। ज्यादातर संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत में अभी कोविड की कोई बड़ी लहर नहीं है, लेकिन ऐहतियात जरूरी है।

क्या अब बूस्टर डोज लेना फिर से जरूरी है?

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप बुजुर्ग हैं, किसी पुरानी बीमारी से जूझ रहे हैं (जैसे डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग) या आपकी इम्युनिटी कमजोर है, तो बूस्टर डोज लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। खासतौर पर अगर आपकी आखिरी वैक्सीन या संक्रमण को 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं। हांगकांग और सिंगापुर जैसे देशों में बूस्टर डोज की सिफारिश की जा रही है। WHO के मुताबिक, XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर JN.1 के खिलाफ 19% से 49% तक सुरक्षा दे सकता है। यदि आप स्वस्थ हैं, पहले ही वैक्सीनेटेड हैं, और हाई-रिस्क जोन में नहीं रह रहे, तो घबराने की जरूरत नहीं है।

कैसे रखें खुद को और अपनों को सुरक्षित?

डरें नहीं, लेकिन लापरवाही न करें

कोविड-19 की यह नई लहर अब तक के डेटा के अनुसार गंभीर नहीं है। भारत में स्थिति नियंत्रित है और वैक्सीन का कवरेज अच्छा है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वायरस अभी भी हमारे बीच है। अगर आप हाई-रिस्क ग्रुप में आते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो बूस्टर डोज लेने पर विचार करें। बाकी लोग सतर्कता और सावधानी के जरिए खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। जागरूक और सतर्क रहकर आप अपने आप को और अपने परिवार को कोरोना से बचा सकते हैं।

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