फिर लौटा कोरोना! 5 दिनों में 1700 से ज्यादा केस सामने आए, कई राज्यों में बढ़ा खतरा
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा सिर उठाने लगा है। पिछले कुछ महीनों से भले ही हालात सामान्य लग रहे थे, लेकिन पिछले पांच दिनों में 1700 से ज्यादा नए कोविड केस सामने आ चुके हैं, जिससे कुल सक्रिय मामलों की संख्या 2700 के पार पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि देश के कुछ बड़े राज्यों में मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। अब सवाल ये है—कितनी गंभीर है ये स्थिति और किस राज्य में खतरा ज्यादा है?
तेजी से बढ़ रहे हैं मामले, कहां कितने केस?
30 मई तक पूरे देश में 2710 सक्रिय कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले एक हफ्ते में केवल 752 मामले आए थे। यानी संक्रमण की रफ्तार में दोगुना से भी अधिक तेजी देखी जा रही है। आइए जानें किस राज्य में कितने नए कोरोना केस सामने आए हैं:
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा मामले केरल में सामने आए हैं जहां कुल 1147 केस मिले हैं। अन्य राज्यों में महाराष्ट्र में 424, दिल्ली में 294, गुजरात में 223, तमिलनाडु में 148, कर्नाटक में 148, पश्चिम बंगाल में 116, उत्तर प्रदेश में 42, राजस्थान में 51, पुडुचेरी में 35, हरियाणा में 20, आंध्र प्रदेश में 16, मध्य प्रदेश में 10, गोवा में 7, ओडिशा में 5, जम्मू-कश्मीर में 4, पंजाब में 4, तेलंगाना में 3, छत्तीसगढ़ में 3, अरुणाचल प्रदेश में 3, उत्तराखंड में 2, मिजोरम में 2, असम में 2 एवं चंडीगढ़ में 1 केस सामने आए हैं।
कहां हुईं मौतें और कहां बढ़े एक्टिव केस?
हाल ही में हुई मौतों की बात करें तो दिल्ली में एक महिला की मौत हुई है। महाराष्ट्र में 4 और कर्नाटक में 1 मरीज की मौत रिपोर्ट की गई है। सक्रिय मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। फिलहाल केरल में 355 केस, महाराष्ट्र में 153 केस तथा दिल्ली में कुल 24 केस एक्टिव हैं।
किन राज्यों में सबसे ज्यादा ठीक हुए मरीज?
अब तक कोरोना को मात देने वालों की संख्या भी करोड़ों में है। इन तीन राज्यों में रिकवरी रेट सबसे ज्यादा रहा है:
- महाराष्ट्र: 8,29,849 मरीज ठीक हुए
- केरल: 6,84,927 मरीजों ने संक्रमण से छुटकारा पाया
- आंध्र प्रदेश: 2,32,635 ठीक हो चुके हैं
क्या है खतरे की वजह?
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- बदलता मौसम और लापरवाही लोगों को फिर से खतरे में डाल सकती है।
- मास्क और सैनिटाइज़र के प्रति उदासीनता
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना
- इन सभी कारणों से संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
कोरोना से अब भी डरने की नहीं, सतर्क रहने की ज़रूरत
हालांकि सरकार ने किसी सख्त प्रतिबंध की घोषणा नहीं की है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की नजरें हालात पर बनी हुई हैं। अगर केस इसी रफ्तार से बढ़ते रहे, तो स्कूलों, ऑफिसों और सार्वजनिक जगहों पर फिर से कोविड गाइडलाइंस लागू की जा सकती हैं।
जरूरी सावधानियां:
- भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें
- समय-समय पर हाथ धोएं और सैनिटाइज़र का उपयोग करें
- हल्का बुखार, सर्दी-जुकाम हो तो तुरंत टेस्ट कराएं
- बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी की जरूरत है
कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज़ अगर नहीं ली है, तो जल्द लें
ध्यान रखें कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है, वो बस कुछ समय के लिए धीमा पड़ा था। एक बार फिर उसके लक्षण दिखने लगे हैं और हमें पहले से कहीं ज्यादा सजग और जागरूक होने की जरूरत है। कुल मिलाकर याद रखिए, सतर्कता ही सबसे बड़ा इलाज है।
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