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Christmas Day Special: क्रिसमस ट्री सजाने का चलन कब और कैसे हुआ शुरू, जानें इससे जुड़ी मान्यताएं

Christmas Day Special: आज पूरी दूनिया में क्रिसमस का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। क्रिसमस का नाम लेते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में दो चीजें आने लगती है पहला तो सेंटा और दूसरा क्रिसमस...
12:18 PM Dec 25, 2023 IST | Juhi Jha

Christmas Day Special: आज पूरी दूनिया में क्रिसमस का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। क्रिसमस का नाम लेते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में दो चीजें आने लगती है पहला तो सेंटा और दूसरा क्रिसमस ट्री। आज के दिन जगह जगह पर ​क्रिसमस ट्री सजाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्रिसमस के दिन  क्रिसमस ट्री क्यों सजाया जाता है। बल्कि बाइबिल में भी क्रिसमस ट्री रखने की पंरपरा का कोई जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे में प्रभु यीशू का क्रिसमस ट्री से क्या कनेक्शन है। आप सभी ने क्रिसमस ट्री से जुड़ी कई मान्यताएं देखी और सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे है जो लोगों के बीच में काफी चर्चित है। आइए जानते है इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारें में:—

जानें इसका इतिहास

दुनिया भर में क्रिसमस ट्री को लेकर कई मान्यताएं प्रसिद्ध है। एक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि 16वीं सदी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने सबसे पहले इसकी शुरूआत की थी। मार्टिन लूथर क्रिसमस डे से एक दिन पहले यानी 24 दिसंबर की शाम को एक बर्फीले जंगल से गुजर रहे थे। जहां उनकी नजर सदाबहार के पेड़ पर पड़ी। पेड़ की डालियां चांद की रोशनी से चमक रही थी। इसके बाद लूथर ने भी एक पेड़ अपने घर पर लगाया और 25 दिसंबर की रात को उसे छोटे—छोटे कैंडल और स्टार से सजाया। इसके बाद जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान में उन्होंने इस पेड़ को सजाया। तभी से क्रिसमस ट्री लगाने की पंरपरा के चलन की शुरूआत हुई।

कुर्बानी की कहानी

क्रिसमस ट्री से जुड़ी एक और मान्यता है जो 722 ईसवी के समय की है। कहा जाता है कि क्रिसमस ट्री सजाने की पंरपरा की शुरूआत जर्मनी से शुरू हुई। जिसका श्रेय धर्म प्रचारक सेंट बोनिफेस को दिया जाता है। बताया जाता है एक समय की बात है,बोनिफेस को कहीं से पता चला कि कुछ लोग विशाल ओक पेड़ के नीचे किसी बच्चे की कुर्बानी देने वाले है। बच्चें को बचाने के लिए बोनिफेस से उस पेड़ को ही जड़ से काट दिया और इसके बाद ओक ट्री की जड़ के पास से एक सदाबहार फर ट्री उग गया। लोग इसे चमत्कारी पेड़ मानने लगे। वहीं बोनिफेस ने इसे एक पवित्र देविय वृक्ष बताया। मान्यता है कि तभी से लोग हर साल प्रभु यीशु के जन्मदिन पर इस पवित्र पेड़ को सजाने लग गए और धीरे—धीरे यह पंरपरा पूरी दूनिया में फैल गई।

ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा क्रिसमस का इतिहास

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि क्रिसमस ट्री का संबंध ईसा मसीह के जन्म से है। कहा जाता है कि ईसा मसीह के जन्म के समय उनके माता पिता को बधाई देने के लिए स्वर्ग से देवदूत धरती पर आए थे। उस समय देवदूतों ने सदाबहार फर ट्री उन्हें तोहफे के रूप में भेंट किया था। जो दिखने में बहुत ही सुंदर और सितारों की रोशनी से चमक रहा था। इसी के बाद से ईसा मसीह के जन्मदिन पर इसे सजाने का चलन शुरू हो गया।

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