Amla and Turmeric Benefits: रोज़ाना आंवला और हल्दी खाने से कभी नहीं होंगे बूढ़े
Amla and Turmeric Benefits: प्रकृति ने हमें अनगिनत सुपरफूड्स दिए हैं और आंवला और हल्दी इस सूची में सबसे ऊपर हैं। दोनों सदियों से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद का हिस्सा रहे हैं। विटामिन सी से भरपूर आंवला और करक्यूमिन से भरपूर हल्दी (Amla and Turmeric Benefits) अपने एंटी-एजिंग, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं।
रोजाना सेवन करने पर यह जोड़ी कई बीमारियों से प्राकृतिक सुरक्षा कवच (Amla and Turmeric Benefits) का काम करती है और शरीर को जवान और ऊर्जावान बनाए रखती है। आइए डालते हैं इनके फायदों पर एक नजर।
एंटी-एजिंग गुण और इम्युनिटी बढ़ाता है
आंवला और हल्दी के सबसे उल्लेखनीय लाभों में से एक उनका एंटी-एजिंग प्रभाव है। आंवला में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जो झुर्रियों, महीन रेखाओं और बेजान त्वचा का मुख्य कारण हैं। दूसरी ओर, हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं जो त्वचा की क्षति को कम करते हैं और लचीलापन बढ़ाते हैं। नियमित सेवन से आपको जवां चमक बनाए रखने और समय से पहले बुढ़ापा आने में देरी करने में मदद मिलती है।
पाचन में सुधार
अच्छा पाचन एक स्वस्थ शरीर की कुंजी है। आँवला गैस्ट्रिक जूस के स्राव को बढ़ावा देता है, एसिडिटी को कम करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है। हल्दी पाचन तंत्र में सूजन को कम करके और आंत के बैक्टीरिया के संतुलन में सुधार करके आंत के स्वास्थ्य का समर्थन करती है। यह संयोजन पेट को हल्का रखता है, कब्ज को रोकता है और समग्र पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
हार्ट के लिए बेहतर
रोज़ाना आँवला और हल्दी का सेवन हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है। आँवला खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है, जबकि हल्दी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है और रक्त के थक्के बनने से रोकती है। इनका संयुक्त प्रभाव हृदय रोग के जोखिम को कम करता है और स्वस्थ हृदय प्रणाली को बनाए रखने में मदद करता है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है
आँवला और हल्दी दोनों ही अपने डिटॉक्सीफाइंग गुणों के लिए जाने जाते हैं। आँवला लीवर को साफ़ करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जबकि हल्दी रक्त को शुद्ध करती है और लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार करती है। नियमित डिटॉक्सीफाइंग न केवल आंतरिक अंगों को स्वस्थ रखता है, बल्कि त्वचा की चमक और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है।
आंवला और हल्दी का रोज़ाना सेवन कैसे करें?
हल्दी पाउडर के साथ आंवला जूस: ताज़े आंवले के रस को एक चुटकी हल्दी के साथ गर्म पानी में मिलाएँ।
आंवला-हल्दी हर्बल चाय: कद्दूकस किया हुआ आंवला और हल्दी की जड़ को पानी में उबालें और रोज़ाना पिएँ।
पाउडर के रूप में: आसानी से सेवन के लिए सूखे आंवले के पाउडर को हल्दी और शहद के साथ मिलाएँ।
हल्दी के साथ आंवला अचार: पारंपरिक व्यंजन भी इसे भोजन का एक स्वादिष्ट हिस्सा बनाते हैं।
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