थाइलैंड की ओपल सुचाता बनीं Miss World 2025, भारत की नंदिनी गुप्ता टाॅप 8 में भी नहीं बना पाईं जगह
हैदराबाद के HITEX कन्वेंशन सेंटर में रात के उजाले ने जब एक नई रानी को ताज पहनाया, तो पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे थाइलैंड की 21 साल की ओपल सुचाता चुआंगश्री ने मिस वर्ल्ड 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। 108 देशों की खूबसूरत प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए ओपल ने वह मुकाम हासिल किया, जिसके लिए हर लड़की सालों मेहनत करती है। लेकिन इस जीत के साथ ही भारत के लिए एक बड़ा सपना टूट गया। राजस्थान की नंदिनी गुप्ता, जिन्होंने टॉप-20 तक शानदार प्रदर्शन किया, वह टॉप-8 में जगह नहीं बना सकीं। क्या भारत की बेटी का सपना सिर्फ इसलिए अधूरा रह गया क्योंकि जजों ने उसकी प्रतिभा को नहीं पहचाना, या फिर ओपल सुचाता वाकई में सबसे आगे थीं?
थाइलैंड को पहली बार खिताब दिलाने वाली ओपल कौन?
थाइलैंड के लिए यह ऐतिहासिक पल था, क्योंकि ओपल सुचाता चुआंगश्री ने पहली बार अपने देश को मिस वर्ल्ड का खिताब दिलाया। 20 सितंबर 2003 को जन्मी ओपल ने सिर्फ 21 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने पहले ही 'मिस यूनिवर्स थाईलैंड 2024' का खिताब जीता था और 'मिस यूनिवर्स 2024' में थर्ड रनर-अप रही थीं।
พี่ตี๋บอกว่า อะไรที่มันเป็นของอป. มันก็จะเป็นของอป. โคตรจริง นอกจากมงเลือกคนแล้ว คนก็ต้องเลือกมงแหละ คนที่ใช่ในเวที่ถูกต้อง หนูเหมาะกับมิสเวิลด์ที่สุด ความยุติธรรมที่เวอื่นให้ไม่ได้ หาได้จากป้าจูค่ะ โอปอล์เก่งมาก ตำนาน2025 มงฟ้าแรกของไทย👑🩵 #MissWorld2025 #MissWorldThailand2025 pic.twitter.com/SwZ7zMv9Bk
— 𝘹𝘰𝘢𝘭𝘮𝘱𝘵𝘮𝘴𝘰𝘹 ⁵ (@gpeiiz_snw) May 31, 2025
राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिग्री हासिल कर चुकी ओपल ने स्टेज पर अपने आत्मविश्वास और खूबसूरती से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। जब उनके नाम का ऐलान हुआ, तो वह भावुक हो गईं और हाथ जोड़कर सभी का शुक्रिया अदा किया। क्या यह जीत सिर्फ उनकी खूबसूरती की वजह से मिली, या फिर उनकी प्रतिभा और समाज के प्रति उनकी सोच ने जजों को प्रभावित किया?
भारत की नंदिनी गुप्ता टॉप-8 में जगह क्यों नहीं बना पाईं जगह?
कोटा की रहने वाली नंदिनी गुप्ता ने इस साल भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 'टॉप मॉडल' का खिताब जीतकर टॉप-40 में जगह बनाई और फिर टॉप-20 तक पहुंचने में कामयाब रहीं। लेकिन, जब टॉप-8 की लिस्ट आई, तो उनका नाम नहीं था। नंदिनी कैंसर जागरूकता और महिला अधिकारों के लिए काम करती हैं, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी वह सक्रिय हैं। मिस वर्ल्ड के स्टेज पर उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बखूबी प्रदर्शित किया। फिर ऐसा क्या हुआ कि वह आगे नहीं बढ़ सकीं? क्या जजों ने उनकी प्रतिभा को कम आंका, या फिर प्रतिस्पर्धा इतनी कड़ी थी कि भारत की बेटी को पीछे रहना पड़ा?
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कैसे थाईलैंड की ओपल ने जीता फाइनल?
मिस वर्ल्ड 2025 के फाइनल में एथियोपिया की हासेट डेरेज, पोलैंड की माजा क्लाज्दा और मार्टिनिक की ओरेली जोआचिम ने भी शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन ओपल सुचाता ने अपने व्यक्तित्व और जवाबदेही से जजों को इतना प्रभावित किया कि वह सभी को पीछे छोड़कर मिस वर्ल्ड बन गईं। एथियोपिया की हासेट डेरेज रनर-अप रहीं, जबकि पोलैंड की माजा क्लाज्दा और मार्टिनिक की ओरेली जोआचिम क्रमशः सेकेंड और थर्ड रनर-अप बनीं। भारत की नंदिनी गुप्ता ने टॉप-20 तक का सफर तो बखूबी तय किया, लेकिन फाइनल में उन्हें वह जादुई पल नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थीं। क्या अगले साल भारत की कोई बेटी इस खिताब को जीत पाएगी, या फिर यह सपना और लंबे समय तक अधूरा रहेगा?
जीत और हार के बीच वह पल, जो इतिहास बन गया!
मिस वर्ल्ड 2025 की रात ने एक नई रानी को तो ताज पहनाया ही, साथ ही यह सवाल भी छोड़ गई कि क्या भारत की बेटियां अब इस प्रतियोगिता में पीछे रहने लगी हैं? नंदिनी गुप्ता का टॉप-20 तक पहुंचना भले ही एक उपलब्धि हो, लेकिन भारत को अब तक छह बार मिस वर्ल्ड का खिताब मिल चुका है। क्या हम फिर से वह गौरव हासिल कर पाएंगे? ओपल सुचाता की जीत ने थाइलैंड को गौरवान्वित किया है, लेकिन भारत के लिए यह रात एक सपने के टूटने की भी गवाह बनी। अब देखना यह है कि अगले साल कौन सी भारतीय बेटी इस मुकाम को हासिल करेगी और देश का नाम रोशन करेगी!
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