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Electoral Bond कोर्ट से खारिज होने के बाद पहली बार बोले पीएम मोदी, कहा- आज जो इसके खिलाफ नाच रहे...

Electoral Bond: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खारिज होने को सरकार के लिए झटका नहीं माना है। तमिलनाडु के टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को...
08:24 AM Apr 01, 2024 IST | Prashant Dixit
Electoral Bond: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खारिज होने को सरकार के लिए झटका नहीं माना है। तमिलनाडु के टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को...
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PM Modi On Electoral Bond

Electoral Bond: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के खारिज होने को सरकार के लिए झटका नहीं माना है। तमिलनाडु के टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी ने पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को लेकर कुछ बोला है। जब सवाल हुआ क्या इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के कोर्ट से खारिज होने को सरकार के लिए झटका माना जाए ? तो पीएम ने जबाव दिया 2014 से पहले राजनीतिक दलों को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं मिलता था। मुझे बताइये ऐसा क्या हुआ ? जिससे माना जाए कि मेरी सरकार के लिए झटका है। मैं पक्का मानता हूं कि जो लोग इसे लेकर आज नाच रहे हैं, वे कल पछताने वाले हैं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा मैं उन सभी से पूछना चाहता हूं कि 2014 से पहले जितने भी चुनाव हुए, उनमें पैसा तो खर्च हुआ ही होगा, तो कौन सी ऐसी एजेंसी है, जो बता पाए कि पैसा कहां से आया, कहां गया ? मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड बनाया, आज जिसके कारण, आप ढूंढ पा रहे हो कि बॉन्ड किसने लिया, किसे दिया गया, इसके कारण पैसे का ट्रेल पता चल रहा है। कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं होती, कमियां हो सकती हैं, उन्हें सुधारा जा सकता है।

भारतीय स्टेट बैंक से खरीद

इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) को राजनीतिक पार्टियां बैंक में जमा करके रकम हासिल कर लेते थे। बैंक इलेक्टोरल बॉन्ड उसी ग्राहक को बेचते थे, जिनका केवाईसी वेरिफाइड होता था। बॉन्ड पर चंदा देने वाले के नाम का जिक्र नहीं होता था। चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र है। इसकी खरीदारी भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं पर भारतीय नागरिक या कंपनी की ओर से की जा सकती है।

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इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरूआत

यह इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) नागरिक या कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को दान करने का जरिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड को फाइनेंशियल बिल 2017 के साथ पेश किया गया था। जिसके बाद 29 जनवरी 2018 को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया था। उसी दिन से इसकी शुरुआत हुई थी।

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