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KAMALNATH LOKSABHA ELECTION: कमलनाथ के गढ़ में सेंध मार चुकी है भाजपा? अब बदल जाएगा चुनावी परिणाम?

KAMALNATH LOKSABHA ELECTION: मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि कमल नाथ...
11:58 PM Mar 29, 2024 IST | Bodhayan Sharma
KAMALNATH LOKSABHA ELECTION: मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि कमल नाथ...

KAMALNATH LOKSABHA ELECTION: मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि कमल नाथ के खास समर्थक और तीन बार के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। कमलेश प्रताप शाह वर्तमान में छिंदवाड़ा लोकसभा के अंतर्गत अमरवाड़ा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आज सीएम हाउस में कमलेश शाह बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

काँग्रेस - कमलनाथ के गढ़ में सेंध

छिंदवाड़ा की सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। इनमें छिंदवाड़ा, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, परासिया, सौसर, चौरई और पांढुर्णा शामिल हैं। कमलेश प्रताप शाह 10 साल तक हर्रई जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे और 10 साल तक कांग्रेस कमेटी हरदोई ब्लॉक के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद वह 2013 में चौधरी विधानसभा के सदस्य चुने गए और फिर 2018 में दूसरी बार और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में तीसरी बार विधायक बने।

भाजपा में आ गए ये नेता...

अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह हरणी नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह और जिला पंचायत सदस्य केसर नेता के साथ भाजपा में शामिल हुए। कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि कमलेश जी बहुत सम्मानित परिवार से हैं. प्रधानमंत्री की कार्यशैली से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी शामिल हुई है।

कुछ दिन पहले भी काँग्रेस छूटा इन नेताओं से

इससे पहले ही कमलनाथ को बड़ा झटका लगा है। कमल नाथ के विश्वासपात्र माने जाने वाले दीपक सक्सैना के बेटे अजय सक्सैना भाजपा में शामिल हो गए हैं। अजय सक्सैना, दीपक सक्सैना के बेटे हैं, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में कमल नाथ के लिए अपनी सीट खाली की थी। कमल नाथ सरकार के दौरान दीपक सक्सेना को विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। इतना ही नहीं, जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि कमल नाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं, तो सबसे पहले सक्सेना ने ही उनके पक्ष में बयान दिया था।

भाजपा की कमान से निकले तीर कब और ऐसे लगे?

22 फरवरी 2024 को मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जन आभार यात्रा निकाली। इस यात्रा के बाद मध्य प्रदेश कि सियासत में बड़ा बदलाव हुआ। उसी दिन काँग्रेस के लगभग 1500 कार्यकर्ताओं ने काँग्रेस का साथ छोड़ा और भाजपा का दामन थाम लिया। सिर्फ कार्यकर्ताओं का साथ छूटता तो भी सोचा जाता, परंतु भाजपा ने इसी दिन काँग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे उज्ज्वल सिंह चौहान को भी भाजपा में शामिल कर लिया था। उज्ज्वल सिंह चौहान के लिए कहा जाता है कि वो कमलनाथ के बहुत करीबी रहे हैं। ये काँग्रेस और कमलनाथ के लिए बड़ा प्रहार भी साबित हुआ।

छिंदवाड़ा नगर निगम की बदली तस्वीर

6 मार्च 2024 को 7 पार्षदों ने काँग्रेस को एक और बड़ा झटका दिया। इसमें जगदीश गोदरे, चंदू ठाकरे, लिना तिरगाम, रौशनी सल्लम और संतोषी बाडिवा समेत 7 पार्षदों ने जैसे ही भाजपा के पक्ष में आए वैसे ही छिंदवाड़ा के नगर निगम में काँग्रेस - भाजपा का पासा पलट गया। पहले काँग्रेस के छिंदवाड़ा नगर निगम में 28 पार्षद थे। परंतु इस बदलाव के बाद 20 पार्षद काँग्रेस छोड़ कर भाजपा में गए और जहां भाजपा के 20 संसद थे वो 27 तक पहुँच गए। भाजपा ने यहाँ भी अपना दबदबा बढ़ा लिया।

काँग्रेस के बड़े नाम भाजपा के खेमे में आए

18 मार्च यानि ठीक 12 दिन बाद ही भाजपा का दामन काँग्रेस के मध्य प्रदेश काँग्रेस के महा मंत्री रहे सैयद जफर ने थामा। सैयद जफर जफर पहले काँग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और काँग्रेस के ही मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भी रह  चुके हैं। ये हमला काँग्रेस के साथ साथ कमलनाथ के लिए भी बड़ा था। क्योंकि सैयद जफर कमलनाथ के खेमे में बड़े करीबी कि भूमिका में रहे हैं। अब कमलनाथ के किले की दीवारों का टूटना शुरू हो चुका था।

बाप बेटे का साथ छोड़ बाप बेटे भाजपा में आए

21 मार्च को काँग्रेस में पिता पुत्र यानि कमलनाथ और नकुलनाथ को छोड़ कर भाजपा में आए पिता पुत्र यानि दीपक सक्सेना और अजय सक्सेना कमलनाथ के इतने करीबी थे कि 2018 के मध्य प्रदेश चुनाव के बाद दीपक सक्सेना ने ही अपनी विधानसभा सीट कमलनाथ के लिए छोड़ी थी। ये बहुत करीबी प्रहार था कमलनाथ के लिए। इस बार भाजपा ने कमलनाथ के भरोसे पर वार किया, भरोसा दीपक सक्सेना पर।

काँग्रेस का विधायक भी भाजपा में

29 मार्च को एक बार और भाजपा के लगाए तीर सटीक लगे, इस बार काँग्रेस की टीकेट पर चुनाव लड़ विधायक बनने वाले कमलेश शाह ने अपनी पत्नी माधवी शाह के साथ  भाजपा को चुना और कमलेश शाह का स्वागत किया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव। कमलेश की पत्नी हर्रई नगर पालिका की अध्यक्ष रह चुकी है। इन दोनों के अलावा कमलनाथ के एक और सिपाही और कमलेश शाह की साली यानि माधवी शाह की बहन जो कि जिला पंचायत की भी सदस्य हैं, केसर नेताम भी भाजपा के साथ आ गई।

कमलनाथ के 4 सिपाही भाजपा की सेना में

काँग्रेस - कमलनाथ की सेना से 5 और सिपाही भाजपा में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी पहुँच गए। वहाँ मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात कर, भाजपा का हिस्सा हो गए। इनमें महत्वपूर्ण नाम है, छिंदवाड़ा नगर निगम के मेयर विक्रम अहाके। विक्रम अहाके के साथ साथ, नगर निगम जल विभाग के सभापति प्रमोद शर्मा, और सिद्धांत थनेसर ने भी भाजपा को ही चुना इनके साथ आए एनएसयूआई के पूर्व जिला उपाध्यक्ष धीरज राऊत और एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष साहू ने भी मुख्यमंत्री के समक्ष भाजपा का साथ दिया।

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