Nirjala Ekadashi Puja: निर्जला एकादशी पर करें तुलसी की पूजा, पति होंगे दीर्घायु
Nirjala Ekadashi Puja: हिंदू कैलेंडर की सभी 24 एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आती है। अपनी कठोर तपस्या के लिए जाना जाने वाला यह व्रत (Nirjala Ekadashi Puja) आध्यात्मिक शुद्धि, दिव्य आशीर्वाद और दीर्घायु के लिए मनाया जाता है।
विवाहित महिलाओं के लिए निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी की पूजा करने से उनके पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि सुनिश्चित होती है।
निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा करना आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली कार्य है, खासकर विवाहित महिलाओं के लिए। आस्था और भक्ति के साथ, यह पवित्र अनुष्ठान न केवल पति को लंबे और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद देता है, बल्कि परिवार के भीतर आध्यात्मिक सद्भाव को भी मजबूत करता है।
हिंदू धर्म में तुलसी का पवित्र महत्व
तुलसी केवल एक औषधीय पौधा नहीं है - इसे हिंदू परंपरा में भगवान विष्णु की पत्नी और देवी के रूप में पूजा जाता है। वृंदा देवी के रूप में भी जानी जाने वाली तुलसी को पवित्रता और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। भगवान विष्णु को कोई भी प्रसाद तुलसी के पत्ते के बिना पूरा नहीं माना जाता है, और घर में उनकी उपस्थिति दिव्य ऊर्जा को आकर्षित करती है, नकारात्मकता को दूर करती है और वैवाहिक बंधन को मजबूत करती है।
निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा क्यों करें?
निर्जला एकादशी पर तुलसी पूजा (Nirjala Ekadashi Puja) विवाहित महिलाओं के लिए विशेष रूप से शुभ होती है। चूंकि यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, इसलिए तुलसी के पत्ते चढ़ाने और उनकी पूजा करने से भगवान विष्णु और देवी तुलसी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तुलसी की पूजा करने से पति के जीवन से बाधाएं दूर होती हैं, उसका स्वास्थ्य बेहतर होता है और अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिलती है।
निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा कैसे करें
- सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- तुलसी के पौधे के आस-पास की जगह को साफ करें और उसे रंगोली और फूलों से सजाएँ।
- पौधे पर कच्चा दूध, जल, चंदन और कुमकुम चढ़ाएँ।
- तुलसी के सामने घी का दीपक और धूपबत्ती जलाएँ।
- तुलसी स्तोत्र का जाप करें या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या फोटो पर तुलसी के पत्ते चढ़ाएँ।
- अपने पति की सलामती और लंबी उम्र के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें।
- नैवेद्य के रूप में फल या मिठाई चढ़ाएँ और उन्हें प्रसाद के रूप में बाँटें।
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