• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Chhath Puja 2025: कौन है छठी मैया जिनकी होती है छठ महापर्व पर पूजा, जानिए इनकी महिमा

दिवाली के छह दिन बाद शुरू होने वाला छठ पर्व, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के रूप में जाना जाता है।
featured-img

Chhath Puja 2025: दिवाली के छह दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या तिथि से शुरू होने वाला छठ पर्व, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के रूप में जाना जाता है। इस वर्ष छठ पूजा 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। छठ पूजा (Chhath Puja 2025) छठी मैया और सूर्य देव की आराधना को समर्पित है।

मान्यता है कि सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव है। इसलिए, छठ महापर्व के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करके जीवन प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया जाता है। इस पावन पर्व पर परिवार की खुशहाली और संतान की दीर्घायु के लिए भी छठी मैया की पूजा की जाती है। आइए जानें कि छठी मैया कौन हैं और छठ महापर्व (Chhath Puja 2025) के दौरान देवी की पूजा का क्या महत्व है।

Chhath Puja 2025: कौन है छठी मैया जिनकी होती है छठ महापर्व पर पूजा, जानिए इनकी महिमा

छठी मैया कौन हैं?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ देवी, सूर्य देव की बहन हैं और उन्हें प्रसन्न करने तथा उनका आभार व्यक्त करने के लिए, छठ के दिन सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। छठ पूजा किसी पवित्र नदी या जलाशय के किनारे जल में खड़े होकर की जाती है।

छठी मैया बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। इसलिए, बच्चे के जन्म के छठे दिन छठी देवी की पूजा की जाती है, जिससे बच्चे को सफलता, अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्राप्त होती है। यह भी माना जाता है कि जब सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने स्वयं को छह भागों में विभाजित किया, तो उनका छठा अंश सर्वोच्च मातृ देवी के रूप में जाना गया। यह देवी भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, इस छठे अंश को सर्वोच्च मातृ देवी के रूप में जाना जाता है, जिन्हें छठी मैया के नाम से जाना जाता है।

Chhath Puja 2025: कौन है छठी मैया जिनकी होती है छठ महापर्व पर पूजा, जानिए इनकी महिमा

छठ में छठी मैया की पूजा का महत्व

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठी मैया या बच्चों की रक्षक की पूजा की जाती है। यह पूजा बच्चे के जन्म के छह दिन बाद भी की जाती है। उनकी पूजा करने से बच्चे को स्वास्थ्य, सफलता और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। छठी मैया को कात्यायनी के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा की जाती है। माँ कात्यायनी बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद देती हैं।

छठी मैया का रूप माँ की शक्ति का प्रतीक है। सनातन परंपरा में, षष्ठी देवी को बच्चों की रक्षक और उन्हें दीर्घायु प्रदान करने वाली माना जाता है। महाभारत और पुराणों में भी षष्ठी देवी की महिमा का वर्णन किया गया है।

षष्ठी देवी को छठी मैया के रूप में पूजने की परंपरा इस विश्वास पर आधारित है कि वह बच्चों की रक्षा करती हैं और उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं, यही कारण है कि छठ महापर्व के दौरान छठी देवी की पूजा करने का अत्यधिक महत्व है।

यह भी पढ़ें: Ayodhya Ram Mandir Timing: आज से राम मंदिर की दिनचर्या बदली, जानें दर्शन और आरती का समय

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज