• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Vrishabha Sankranti 2025: इस वर्ष कब है वृषभ संक्रांति? नोट करें तिथि और जानें मुहूर्त

वृषभ संक्रांति बीमारियों से मुक्ति, आध्यात्मिक उत्थान और दैवीय कृपा पाने का एक अवसर होता है।
featured-img

Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति वह दिन है जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करता है, जो आमतौर पर हर साल 14 मई के आसपास पड़ता है। यह संक्रमण (Vrishabha Sankranti 2025) हिंदू सौर कैलेंडर में वृषभ महीने की शुरुआत का प्रतीक है। इसे दान, पवित्र स्नान और आध्यात्मिक अभ्यास करने के लिए एक शुभ समय माना जाता है। कुछ क्षेत्रों में यह दिन कृषि उत्सव और सूर्य देव की पूजा से भी जुड़ा है। वृषभ संक्रांति आंतरिक शक्ति, धैर्य और भौतिक कल्याण को बढ़ावा देती है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वैशाख (Vrishabha Sankranti 2025) महीने के दौरान होने वाले सौर संक्रमण को सूर्य संक्रांति के रूप में जाना जाता है, और शुद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु से संबंधित अनुष्ठानों में इसका गहरा महत्व है। इस दिन शिव योग और सिद्ध योग सहित कई शुभ योग बनेंगे, जो इसे आध्यात्मिक अभ्यास के लिए एक आदर्श अवसर बनाते हैं।Vrishabha Sankranti 2025: इस वर्ष कब है वृषभ संक्रांति? नोट करें तिथि और जानें मुहूर्त

कब है वृषभ संक्रांति?

वृषभ संक्रांति 14 मई, बुधवार को मनाई जाएगी। वृषभ संक्रांति पुण्य काल दोपहर 12:35 से रात 07:06 बजे तक रहेगा। वहीं वृषभ संक्रांति महा पुण्य काल शाम 04:55 से रात 07:06 बजे तक रहेगा। इस दिन सुबह 7:02 बजे तक शिव योग रहेगा। वृषभ संक्रांति पर पूजा के ये हैं सर्वोत्तम समय:

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:07 बजे से प्रातः 4:49 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:33 बजे - दोपहर 3:28 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 7:04 बजे - शाम 7:25 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:57 बजे से रात 12:38 बजे तक

Vrishabha Sankranti 2025: इस वर्ष कब है वृषभ संक्रांति? नोट करें तिथि और जानें मुहूर्त

वृषभ संक्रांति का धार्मिक महत्व क्यों है?

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, जरूरतमंदों को दान और सूर्य को अर्घ्य जैसे अनुष्ठान करने से अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और पिछले पापों से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने से बीमारियों का इलाज होता है और समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलता है, एक ऐसी मान्यता जिसने इस परंपरा को पीढ़ियों से जीवित रखा है। वृषभ संक्रांति बीमारियों से मुक्ति, आध्यात्मिक उत्थान और दैवीय कृपा पाने का एक अवसर होता है।

वृषभ संक्रांति पर करें इन सूर्य मन्त्रों का जाप

- ओम घृणि सूर्याय नमः
- ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ओम ह्रीं घृणि सूर्य आदित्यः क्लीं ओम
- ओम सूर्याय नमः

यह भी पढ़ें: मंगलवार के दिन हनुमान जी के पास रख दें ये चीज, पूर्ण होगी हर मनोकामना

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज