• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Vivah Panchami 2025: 24 या 25 नवंबर, कब है विवाह पंचमी? जानें क्या होता है इस दिन

विवाह पंचमी के दिन भगवान राम एवं देवी सीता का विवाह हुआ था। इसीलिये इस दिन को भगवान श्रीराम एवं देवी सीता के विवाह की वर्षगाँठ के रूप में मनाया जाता है।
featured-img
Vivah Panchami 2025

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी हिन्दु धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक अत्यन्त लोकप्रिय पर्व है। यह पर्व भगवान श्रीराम एवं माता सीता के अलौकिक विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। हिन्दु पंचांग के अनुसार यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व (Vivah Panchami 2025) विशेषतः मिथिला एवं अयोध्या सहित सम्पूर्ण भारत में अत्यन्त श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक मनाया जाता है।

विवाह पंचमी (Vivah Panchami 2025) के दिन भगवान राम एवं देवी सीता का विवाह हुआ था। इसीलिये इस दिन को भगवान श्रीराम एवं देवी सीता के विवाह की वर्षगाँठ के रूप में मनाया जाता है।

कब है विवाह पंचमी?

विवाह पंचमी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 24 नवम्बर को रात 09:22 बजे होगी और इसका समापन 25 नवम्बर को रात 10:56 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, विवाह पंचमी 25 नवंबर को मनाया जाएगा।

Vivah Panchami 2025: 24 या 25 नवंबर, कब है विवाह पंचमी, जानें क्या होता है इस दिन

हिन्दु धर्मग्रन्थों में प्राप्त वर्णन के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन जनकपुरी में राजवैभव के सहित यह दिव्य विवाह सम्पन्न हुआ था। इस पावन अवसर पर देवताओं ने पुष्पवर्षा की थी, ऋषि-मुनि, ब्राह्मण तथा अयोध्या-मिथिला की प्रजा ने इस मंगल समारोह में सम्मिलित होकर इसे उत्सव का रूप दिया। इसीलिये विवाह पंचमी को केवल एक पर्व ही नहीं, अपितु दैवीय मंगल-मिलन का क्षण माना जाता है।

विवाह पंचमी का महत्व

द्रिक पंचांग के अनुसार, धार्मिक दृष्टि से विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन विवाहोत्सव का स्मरण करके भक्तगण भगवान श्रीराम एवं माता सीता के प्रति अपनी भक्ति एवं श्रद्धा प्रकट करते हैं। भगवान श्री राम के भक्तगण इस दिन सीता-राम के विवाह का उत्सव अत्यन्त हर्षोल्लास से मनाते हैं। इस दिन भगवान राम का पूजन करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-सौभाग्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन मंगलमय वैवाहिक जीवन की कामना से प्रभु का आशीर्वाद ग्रहण किया जाता है।

कैसे किया जाता है इस दिन पूजन

इस दिन पूजन-विधान में भक्तजन प्रातःस्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं। भगवान राम एवं देवी सीता की प्रतिमाओं अथवा चित्रों का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प, फल एवं पंचामृत से भगवान राम एवं माता सीता का अभिषेक किया जाता है। विवाह पंचमी की कथा के रूप में वाल्मीकि रामायण अथवा रामचरितमानस के सीता-स्वयंवर एवं विवाह प्रसंग का पाठ किया जाता है। शाम को विवाहोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान श्रीसीताराम के विवाह की झाँकी, भजन-कीर्तन एवं मंगलमय गीत गायन किया जाता है।

Vivah Panchami 2025: 24 या 25 नवंबर, कब है विवाह पंचमी, जानें क्या होता है इस दिन

अयोध्या और नेपाल के जनकपुर में होता है विशेष उत्सव

नेपाल के जनकपुर में विवाह पंचमी का पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है। वर्तमान में भी यह पर्व जनकपुरधाम स्थित जानकी मन्दिर में विशाल संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा महत्वपूर्ण उत्सव के रूप में मनाया जाता है। विवाह के दृश्य की भव्य झाँकियाँ, शोभायात्रायें तथा उत्सव का आयोजन किया जाता है। अयोध्या में भी यह पर्व अत्यन्त धूमधाम से मनाया जाता है।

धार्मिक ग्रन्थों में कहा गया है कि विवाह पंचमी का व्रत करने से भक्त को शुभ दाम्पत्य जीवन, सौभाग्य एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से दाम्पत्य सुख एवं अखण्ड सौभाग्य की अभिलाषा करने वाली स्त्रियों के लिये भी विशेष फलदायी माना जाता है। इस प्रकार विवाह पंचमी केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, अपितु देवी सीता एवं भगवान राम के दिव्य मिलन का स्मरणोत्सव है, जो भक्ति, प्रेम, धर्म तथा मर्यादा का सजीव प्रतीक है। यह पर्व हिन्दु समाज में विवाह-संस्कार की पवित्रता एवं गृहस्थ जीवन का आदर्श स्थापित करता है।

यह भी पढ़ें: Guruwar Ke Upaay: गुरुवार के दिन क्यों केला दान करने का है विशेष महत्व, जानिए मान्यताएं

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज