• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान मुरुगन की पूजा

आज लोग उपवास रखेंगे, मंदिरों में जाएंगे और सुरक्षा, साहस और आध्यात्मिक शक्ति पाने के लिए स्कंद षष्ठी कवचम का जाप करेंगे।
featured-img

Skanda Sashti 2025: आज स्कंद षष्ठी है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय (स्कंद या मुरुगन) को समर्पित है। यह वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष के छठे दिन (षष्ठी) को मनाया जाता है। यह दिन (Skanda Sashti 2025) भगवान स्कंद द्वारा राक्षस तारकासुर पर विजय की याद दिलाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

आज लोग उपवास रखेंगे, मंदिरों में जाएंगे और सुरक्षा, साहस और आध्यात्मिक शक्ति पाने के लिए स्कंद षष्ठी कवचम (Skanda Sashti 2025) का जाप करेंगे। यह दक्षिण भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय है, जहां भव्य अनुष्ठान और जुलूस आयोजित किए जाते हैं। स्कंद षष्ठी अनुयायियों में भक्ति, वीरता और धार्मिकता की प्रेरणा देती है।

Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान मुरुगन की पूजा

स्कंद षष्ठी पूजा मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, आज स्कंद षष्ठी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। यह दोपहर 01:04 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 03 मई को सुबह 05:39 मिनट पर होगा। इस दिन रवि योग, शिववास योग और अभिजीत मुहूर्त योग का भी निर्माण हो रहा है। वैशाख शुक्ल पक्ष की षष्ठी की शुरुआत मई 2 को सुबह 09:14 बजे हो रही है और इसकी समाप्ति मई 3 को सुबह 07:51 पर हो रही है।

स्कंद षष्ठी व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी व्रत का गहरा आध्यात्मिक महत्व है क्योंकि यह भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) की राक्षस तारकासुर पर दिव्य विजय का स्मरण कराता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। मुख्य रूप से दक्षिण भारत में भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला यह व्रत नकारात्मकता को दूर करता है, दुश्मनों से रक्षा करता है और भक्तों को शक्ति, साहस और बुद्धि का आशीर्वाद देता है।

इस दिन उपवास करने से शरीर और मन शुद्ध होता है, जबकि स्कंद षष्ठी कवचम का जाप करने से ईश्वरीय कृपा मिलती है। यह व्रत भक्तों को बाधाओं को दूर करने और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में भी मदद करता है। इस व्रत को ईमानदारी से करने से जीवन में शांति, समृद्धि और दिव्य सुरक्षा मिलती है।

Skanda Sashti 2025: स्कंद षष्ठी व्रत आज, इस विधि से करें भगवान मुरुगन की पूजा

स्कंद षष्ठी पूजा विधि

- दिन की शुरुआत पवित्र स्नान से करें और साफ, सफेद या पीले कपड़े पहनें।
- अपने घर या मंदिर को शुद्ध करें और भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- देवता के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
- लाल या पीले फूल, फल (विशेष रूप से केले), और गुड़ और नारियल से बनी मिठाइयाँ चढ़ाएँ।
- मूर्ति को चंदन के लेप, कुमकुम और माला से सजाएँ।
- स्कंद षष्ठी कवचम, मुरुगन मंत्रों का जाप करें या स्कंद पुराण पढ़ें।
- कुछ भक्त पूरे दिन या आंशिक उपवास रखते हैं, केवल फल और दूध का सेवन करते हैं।
- धूप, कपूर और घंटी बजाकर आरती करके पूजा समाप्त करें।
- पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों के साथ प्रसाद बांटें।

यह भी पढ़ें: Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है बड़ा मंगल, जानें तिथि और मुहूर्त

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज