नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

Sharad Purnima Daan: शरद पूर्णिमा पर इन पांच चीज़ों का दान लाएगा धन, स्वास्थ्य और दैवीय आशीर्वाद

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन आप जो भी दान करते हैं, वह स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का कई गुना लाभ देता है।
12:35 PM Oct 04, 2025 IST | Preeti Mishra
शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन आप जो भी दान करते हैं, वह स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का कई गुना लाभ देता है।
Sharad Purnima Daan

Sharad Purnima Daan: शरद पूर्णिमा, हिंदू कैलेंडर की सबसे पवित्र पूर्णिमाओं में से एक है। इस वर्ष यह पर्व 6 अक्टूबर, दिन सोमवार को मनाया जाएगा। यह पूर्णिमा मानसून के अंत का प्रतीक है और देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और चांदनी से बरसने वाले दिव्य अमृत से जुड़ी है। इस रात, लोग जागते हैं, देवी की पूजा करते हैं और प्रसाद के रूप में खीर (Sharad Purnima Daan) बनाते हैं।

उपवास और प्रार्थना के अलावा, शरद पूर्णिमा पर दान (Sharad Purnima Daan) करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन आप जो भी दान करते हैं, वह स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का कई गुना लाभ देता है। शरद पूर्णिमा पर दान करने योग्य पाँच महत्वपूर्ण वस्तुएँ इस प्रकार हैं:

अनाज - प्रचुरता का प्रतीक

चावल, गेहूँ या दाल जैसे अनाजों का हिंदू रीति-रिवाजों में बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर अनाज दान करने से जीवन से अभाव दूर होते हैं और प्रचुरता आती है। चावल चढ़ाने से विशेष रूप से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जो समृद्धि की प्रतीक हैं। ज़रूरतमंदों या मंदिरों को अनाज दान करके, भक्त न केवल एक पुण्य कार्य करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनका घर अन्न और सौभाग्य से भरा रहे।

वस्त्र - गर्मजोशी और देखभाल का प्रसार

शरद पूर्णिमा सर्दियों के आगमन से ठीक पहले आती है, इसलिए वस्त्र दान का विशेष महत्व है। साड़ी, धोती या ऊनी वस्त्र दान करना करुणा और दया का कार्य माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों से रक्षा होती है। इस दिन गरीबों को गर्म वस्त्र वितरित करने से यह सुनिश्चित होता है कि वे आने वाली ठंड से सुरक्षित रहें, साथ ही दान करने वाले को कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

खीर - पवित्र प्रसाद

शरद पूर्णिमा पर दूध और चावल से बनी खीर का विशेष महत्व होता है। इसे रात भर चांदनी में रखा जाता है ताकि चंद्र किरणें अवशोषित हो सकें, जो इसके औषधीय और आध्यात्मिक गुणों को बढ़ाती हैं। इस चंद्र-अभिषिक्त खीर को ब्राह्मणों, संतों या ज़रूरतमंदों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे स्वास्थ्य लाभ होता है, नकारात्मकता दूर होती है और परिवार में शांति और सद्भाव बना रहता है।

दक्षिणा - एक पवित्र परंपरा

शरद पूर्णिमा के दौरान दक्षिणा या धन दान करना एक शाश्वत प्रथा है। राशि मायने नहीं रखती, बल्कि जिस उद्देश्य से इसे दिया जाता है, वह मायने रखता है। पुजारियों, मंदिरों या वंचित लोगों को धन दान करने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक स्थिरता, व्यवसाय में वृद्धि और घर में समृद्धि आती है।

बर्तन - जीविका का प्रतीक

शरद पूर्णिमा पर तांबे, स्टील या पीतल के बर्तनों का दान करना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। बर्तन पोषण और जीविका का प्रतीक हैं, और इन्हें गरीबों या मंदिरों में दान करना प्रचुरता को बाँटने का प्रतीक है। तांबे के बर्तनों को विशेष रूप से स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, और इन्हें दान करने से दानकर्ता और उसके परिवार को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्राप्त होती है।

शरद पूर्णिमा पर दान का आध्यात्मिक महत्व

शरद पूर्णिमा पर दान एक अनुष्ठान से कहीं बढ़कर है - यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो भक्त को पूर्णिमा की ऊर्जा से जोड़ता है। यह बाधाओं को दूर करता है, दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करता है, और वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर विजय पाने में मदद करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह आनंद और दया का संचार करता है, जो इस दिव्य त्योहार का असली सार है।

यह भी पढ़ें: Diwali 2025: दीपावली के 5 दिनी उत्सव में कब है कौन सा त्योहार? जानिए तिथि और महत्व

Tags :
Daan on Sharad PurnimaOctober 6 Sharad Purnimareligious significance of donationSharad Purnima 2025 remediesSharad Purnima charitySharad Purnima DaanSharad Purnima donationspiritual benefits of donationthings to donate on Sharad Purnimawhat to donate on Sharad Purnima

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article