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Shani Jayanti 2025: कल होगा मंगलवार और शनि जयंती का अद्भुत मेल, जानिए इसका महत्व

इस प्रकार, जब शनि जयंती मंगलवार के साथ मेल खाती है, तो यह दोनों देवताओं का आशीर्वाद लाती है।
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Shani Jayanti 2025: न्याय और कर्म संतुलन के देवता शनिदेव की जयंती शनि जयंती मंगलवार, 27 मई को मनाई जाएगी। शनि जयंती और मंगलवार का यह मिलन हिंदू ज्योतिष और धार्मिक परंपरा में अत्यंत दुर्लभ और आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली माना जाता है। जबकि मंगलवार भगवान हनुमान को समर्पित है, जो शनि के कठोर प्रभाव से बचाने वाले पूज्य हैं, इस दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2025) का होना दिव्य ऊर्जाओं का एक शक्तिशाली तालमेल बनाता है। विद्वानों का मानना ​​है कि यह दिन उपचार, प्रार्थना और आध्यात्मिक सफलता के लिए अत्यधिक प्रभावी है।

धार्मिक महत्व: शनि देव और भगवान हनुमान एक साथ

हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान शनि कठोर लेकिन निष्पक्ष ग्रह देवता हैं जो व्यक्ति के कर्म के आधार पर न्याय करते हैं। वे शनि ग्रह को नियंत्रित करते हैं और समय, अनुशासन, परीक्षण और सबक पर शासन करते हैं। दूसरी ओर, मंगलवार का दिन भगवान हनुमान से जुड़ा हुआ है, जो भक्तों को शनि के बुरे प्रभावों से बचाने के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, हनुमान ने एक बार शनि देव को रावण के चंगुल से बचाया था और कृतज्ञता में शनि ने हनुमान के भक्तों को कभी परेशान न करने का वचन दिया था।

Shani Jayanti 2025: इस बार हो रहा है मंगलवार और शनि जयंती का अद्भुत मेल, जानिए इसका महत्व

इस प्रकार, जब शनि जयंती (Shani Jayanti 2025) मंगलवार के साथ मेल खाती है, तो यह दोनों देवताओं का आशीर्वाद लाती है - शनि का कर्म-न्याय और हनुमान की सुरक्षा। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दोनों भगवानों की पूजा करने से साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य ग्रह पीड़ाओं का प्रभाव कम हो सकता है, साथ ही साहस, स्थिरता और सफलता भी मिलती है।

शनि और मंगल का आध्यात्मिक महत्व: कर्म और भक्ति में संतुलन

यह अनोखा दिन न केवल धार्मिक रूप से शक्तिशाली है, बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। शनि देव हमें कारण और प्रभाव का नियम सिखाते हैं, आत्मनिरीक्षण और जिम्मेदारी का आग्रह करते हैं। हनुमान शुद्ध भक्ति, शक्ति और विनम्रता का प्रतीक हैं। जब इन दोनों की ऊर्जाएँ आपस में मिल जाती हैं, तो परिणाम आध्यात्मिक शुद्धि, अहंकार पर काबू पाने और धर्म के साथ जुड़ने के लिए एक आदर्श दिन होता है।

ऐसा माना जाता है कि जो भक्त व्रत रखते हैं, “ओम शं शनिचराय नमः” और “हनुमान चालीसा” जैसे मंत्रों का जाप करते हैं और तिल का तेल, काली उड़द की दाल, गुड़ और लाल फूल चढ़ाते हैं, उन्हें कर्म मुक्ति, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान के रूप में दैवीय कृपा प्राप्त होती है।

Shani Jayanti 2025: इस बार हो रहा है मंगलवार और शनि जयंती का अद्भुत मेल, जानिए इसका महत्व

दिव्य तालमेल और आंतरिक शक्ति का दिन

2025 में शनि जयंती और मंगलवार का मिलन सिर्फ़ कैलेंडर की एक तारीख़ नहीं है, बल्कि भक्ति और अनुशासन के ज़रिए अपने जीवन को बदलने का एक दिव्य निमंत्रण है। इस शुभ दिन पर शनि देव और हनुमान की दिव्य शक्तियों को अपनाकर, भक्त कर्म संबंधी बाधाओं को दूर कर सकते हैं, ग्रह दोषों को कम कर सकते हैं और शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक जागृति के मार्ग के करीब पहुँच सकते हैं। चाहे आप शनि की परीक्षाओं से राहत चाहते हों या हनुमान की कृपा से सुरक्षा चाहते हों, 27 मई, दोनों को प्राप्त करने का एक दुर्लभ और शक्तिशाली अवसर प्रदान करता है।

Shani Jayanti 2025: इस बार हो रहा है मंगलवार और शनि जयंती का अद्भुत मेल, जानिए इसका महत्व

मंगलवार को पड़ने वाली शनि जयंती के लिए विशेष उपाय

- शनि या हनुमान मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाएं और काले कपड़े या सरसों का तेल चढ़ाएं।
- दैवीय सुरक्षा और कर्म संतुलन दोनों की प्राप्ति के लिए भक्ति भाव से शनि स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- गरीबों, कौओं और आवारा कुत्तों को भोजन कराएं, क्योंकि इससे दोनों देवता प्रसन्न होते हैं।
- लोहा, काले तिल या उड़द की दाल का दान करें, जो शनि के कठोर प्रभाव को बेअसर करने में अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।
- बहस, अहंकार और कठोर व्यवहार से बचें, क्योंकि विनम्रता और संयम शनि देव को प्रसन्न करने की कुंजी हैं।

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