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आज है सावन का तीसरा सोमवार ऐसे करें महादेव का जलाभिषेक, कटेंगे कष्ट

हिंदू धर्म में सावन का पवित्र महीना बेहद पवित्र माना जाता है, खासकर भगवान शिव की पूजा के लिए।
06:00 AM Jul 28, 2025 IST | Preeti Mishra
हिंदू धर्म में सावन का पवित्र महीना बेहद पवित्र माना जाता है, खासकर भगवान शिव की पूजा के लिए।

Sawan Somvar: हिंदू धर्म में सावन का पवित्र महीना बेहद पवित्र माना जाता है, खासकर भगवान शिव की पूजा के लिए। सावन का हर सोमवार, जिसे सावन सोमवार के नाम से जाना जाता है, बेहद शुभ माना जाता है। आज, 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है और देशभर में भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रख रहे हैं और महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं।

इस दिन सही विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से न केवल भगवान प्रसन्न होते हैं, बल्कि दुख, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, आर्थिक समस्याएं और विवाह में देरी भी दूर होती है। आइये जानते हैं इस शुभ सोमवार पर जलाभिषेक कैसे करें और पूजा की सही विधि।

सावन सोमवार का महत्व

श्रावण (सावन) का महीना भगवान शिव की घोर तपस्या और गहन ध्यान से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसलिए, अविवाहित कन्याएं आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। सावन सोमवार व्रत और जलाभिषेक को स्वास्थ्य, करियर और रिश्तों सहित सभी प्रकार की परेशानियों के लिए शक्तिशाली उपाय माना जाता है।

जलाभिषेक क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

जलाभिषेक का अर्थ है शिवलिंग पर जल (और अन्य पवित्र पदार्थ) चढ़ाना। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव का उग्र रूप शांत होता है और भक्त के जीवन में शांति आती है। शिव पुराण में कहा गया है कि सावन में शिव को जल चढ़ाने मात्र से ही सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष का मार्ग खुल जाता है।

सावन सोमवार को जलाभिषेक करने का सही तरीका

सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। साफ़ और हल्के रंग के कपड़े पहनें (सफ़ेद या हरे)। शिवलिंग की सफाई करें या किसी मंदिर जाएं। अगर आपके घर में शिवलिंग है, तो उसे गंगाजल से शुद्ध करें। अगर मंदिर जा रहे हैं, तो श्रद्धापूर्वक प्रसाद ले जाएँ। अभिषेक की थाली तैयार करें, जिसमें शुद्ध जल या गंगाजल, दूध, शहद, चीनी, दही और घी (पंचामृत), बेल के पत्ते, धतूरा, भांग, सफ़ेद चंदन, फूल और फल शामिल हों।

जलाभिषेक करें। सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल चढ़ाएं । फिर पंचामृत चढ़ाएं , उसके बाद शहद, दूध, दही और घी जैसी अन्य सामग्री चढ़ाएं । अभिषेक करते समय निरंतर “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। बेल के पत्ते, फूल, चंदन और फल चढ़ाएं । पूजा समाप्त करें दीपक और अगरबत्ती जलाएँ। शिव चालीसा, रुद्राष्टकम या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएँ और परिवार व पड़ोसियों में बांटें।

तीसरे सोमवार की पूजा के विशेष लाभ

वैवाहिक जीवन में शांति लाता है और दंपत्तियों के बीच गलतफहमियों को दूर करता है।
नौकरी और व्यापार में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
दीर्घकालिक रोगों और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।
विवाह, धन और संतान संबंधी मनोकामनाएं पूरी करता है।
ग्रह दोषों (विशेषकर शनि और राहु) के दुष्प्रभावों को दूर करने में मदद करता है।

सावन सोमवार पूजा में क्या करें और क्या न करें? 

क्या करें:

मन, वाणी और व्यवहार में शुद्ध रहें।
शाकाहारी रहें और सात्विक भोजन करें।
पूरे दिन भगवान शिव का जाप करें।

क्या न करें:

लहसुन, प्याज और शराब से परहेज करें।
इस दिन बाल या नाखून न काटें।
किसी को भी, खासकर बड़ों को, ठेस पहुँचाने या उनका अनादर करने से बचें।

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