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Sawan 2025: इस दिन चढ़ाया जाएगा कांवड़ का पहला जल, जानिए पूरी डिटेल

इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू होकर 9 अगस्त, शनिवार तक चलेगा।
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Sawan kawad jal abhishek 2025: इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू होकर 9 अगस्त, शनिवार तक चलेगा। पंचांग के अनुसार, पहला सावन सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा, जिस दिन कांवड़ के माध्यम से भगवान शिव का पहला (Sawan kawad jal abhishek 2025) जलाभिषेक किया जाएगा।

भक्त आमतौर पर पहले सोमवार से एक या दो दिन पहले अपनी कांवड़ यात्रा शुरू करते हैं, इसलिए वे अपने गंतव्य मंदिर पहुँचते हैं और सोमवार की सुबह शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाते हैं। इसलिए, पहला कांवड़ जलाभिषेक सोमवार 14 जुलाई को होगा। इस वर्ष सावन शिवरात्रि 23 जुलाई बुधवार को है, इसलिए उस दिन कांवड़ जल चढ़ाने का बेहद शुभ दिन है।

कांवड़ यात्रा क्या है और यह इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

कांवड़ यात्रा एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जिसमें भक्त अपने कंधों पर कांवड़ रखते हैं, जिसके दोनों छोर पर पवित्र जल के दो बर्तन लटके होते हैं। यह जल पवित्र नदियों - मुख्य रूप से गंगा - से लाया जाता है और प्रसिद्ध मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए उपयोग किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार के दौरान जल चढ़ाने से भगवान शिव बेहद प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कांवड़ यात्रा भक्ति, तपस्या और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक है। कई भक्त यात्रा के दौरान पूर्ण मौन व्रत रखते हैं और पूरी यात्रा के दौरान जमीन पर सोते हैं।

कांवड़ जलाभिषेक के लिए मुख्य मंदिर

  • काशी विश्वनाथ (वाराणसी)
  • बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर)
  • नीलकंठ महादेव (ऋषिकेश)
  • हरिद्वार और गंगोत्री शिव मंदिर
  • त्र्यंबकेश्वर (नासिक)

सावन सोमवार को जलाभिषेक की रस्म

  • शिवलिंग को साफ करें और गंगाजल चढ़ाएं। कांवड़ में लाया गया जल सबसे पहले भक्ति भाव से चढ़ाया जाता है।
  • बिल्व पत्र, धतूरा, अक्षत और भस्म चढ़ाएं: ये चीजें भगवान शिव को प्रिय हैं।
  • शिव मंत्रों का जाप करें: भक्त “ओम नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं।
  • अभिषेक के बाद शिवलिंग के चारों ओर परिक्रमा करें।

कांवड़ यात्रा के दौरान क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

-स्वच्छता और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखें।
-पूरी यात्रा के दौरान शिव का नाम जपें।
-सात्विक आहार लें।

क्या न करें:

-कांवड़ को ज़मीन पर न रखें।
-शराब, तंबाकू और मांसाहारी भोजन से बचें।
-वाद-विवाद या कठोर शब्दों का प्रयोग करने से बचें।

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