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Saphala Ekadashi 2025: आज सफला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा से दूर होगी आर्थिक तंगी

सफला एकादशी हिंदू धर्म की सबसे शुभ एकादशियों में से एक है। आज 15 दिसंबर को सफला एकादशी मनाई जा रही है ।
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Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी हिंदू धर्म की सबसे शुभ एकादशियों में से एक है। आज 15 दिसंबर को पौष महीने के कृष्ण पक्ष में सफला एकादशी मनाई जा रही है । यह एकादशी खास तौर पर सफलता, समृद्धि और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति से जुड़ी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के साथ पवित्र तुलसी के पौधे की पूजा करने से पैसे, करियर और पारिवारिक जीवन से जुड़ी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

सनातन धर्म में, तुलसी को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय पौधा माना जाता है। तुलसी के बिना विष्णु पूजा अधूरी मानी जाती है। इसीलिए सफला एकादशी पर तुलसी पूजा का खास महत्व है, खासकर उन लोगों के लिए जो लगातार आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

Saphala Ekadashi 2025: आज सफला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा से दूर होगी आर्थिक तंगी

सफला एकादशी का धार्मिक महत्व

सफला शब्द का मतलब है "सफल" या "फलदायक"। माना जाता है कि इस एकादशी पर व्रत और पूजा करने से सभी प्रयास सफल होते हैं। पद्म पुराण जैसे शास्त्रों के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत रखने से भक्तों के पिछले पापों से मुक्ति मिलती है और धन और खुशी के द्वार खुलते हैं। यह एकादशी खास तौर पर इन लोगों के लिए फायदेमंद है जैसे
आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे लोग, कर्ज और नुकसान से जूझ रहे लोग, करियर में ठहराव का सामना कर रहे व्यक्ति और लगातार पैसों की तंगी झेल रहे परिवार। भगवान विष्णु भक्तों को समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं, जबकि तुलसी देवी नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।

सफला एकादशी पर तुलसी पूजा का महत्व

तुलसी सिर्फ़ एक पौधा नहीं है, बल्कि पवित्रता, भक्ति और समृद्धि का एक दिव्य प्रतीक है। माना जाता है कि सफला एकादशी पर तुलसी की पूजा करने से
भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न होते हैं, आर्थिक रुकावटें दूर होती हैं, बचत और आय के स्रोत बेहतर होते हैं , घर में शांति और स्थिरता आती है। कहा जाता है कि इस दिन तुलसी को जल, दीपक और प्रार्थना अर्पित करने से उतना ही पुण्य मिलता है जितना कि एक बड़ी विष्णु पूजा करने से।

Saphala Ekadashi 2025: आज सफला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा से दूर होगी आर्थिक तंगी

सफला एकादशी पर तुलसी पूजा विधि (15 दिसंबर, 2025)

अधिकतम लाभ पाने के लिए भक्ति के साथ इस सरल विधि का पालन करें:

ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें और स्नान करें।
तुलसी के पौधे और आसपास की जगह को साफ करें।
तुलसी के पौधे के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
तुलसी को गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर साफ पानी चढ़ाएं।
गमले पर कुमकुम या चंदन का लेप लगाएं।
फूल, अगरबत्ती चढ़ाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
आर्थिक स्थिरता के लिए प्रार्थना करते हुए तुलसी के पौधे की 7 या 11 बार परिक्रमा करें।
सफला एकादशी व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
पूरे दिन मन और शरीर की पवित्रता बनाए रखें और नकारात्मक विचारों से बचें।

सफला एकादशी पर आर्थिक समस्याओं के लिए विशेष उपाय

15 दिसंबर, 2025 को यह आसान उपाय करें:

पूजा के बाद तुलसी के पौधे के चारों ओर लाल या पीला पवित्र धागा (कलावा) बांधें। आर्थिक परेशानियों से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु और तुलसी माता से सच्चे मन से प्रार्थना करें। शाम को ज़रूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे दान करें। माना जाता है कि यह उपाय धीरे-धीरे पैसे से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और लंबे समय तक समृद्धि लाता है।

व्रत के नियम और क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

सच्चे मन से एकादशी का व्रत रखें।
अगर पूरा व्रत नहीं रख रहे हैं, तो सात्विक भोजन करें।
विष्णु मंत्रों का जाप करें और मन को शांत रखें।

क्या न करें:

चावल, प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन से बचें।
एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
गुस्सा, झूठ और कड़वी बातें करने से बचें।
आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभ
आध्यात्मिक पुण्य के अलावा, तुलसी पूजा से मानसिक शांति और सकारात्मकता भी मिलती है। शांत मन बेहतर वित्तीय फैसले लेने में मदद करता है, जबकि दिव्य आशीर्वाद से समग्र भाग्य और अवसर बेहतर होते हैं ।

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