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Ravi Pradosh Vrat 2025: आज है रवि प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

रवि प्रदोष व्रत एक पवित्र हिंदू व्रत है जिसे रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दौरान मनाया जाता है।
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Ravi Pradosh Vrat 2025: रवि प्रदोष व्रत एक पवित्र हिंदू व्रत है जिसे रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दौरान मनाया जाता है। भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास के लिए आशीर्वाद देने वाला माना जाता है। चूँकि रविवार को सूर्य देव का शासन होता है, इसलिए इस दिन प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2025) रखने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ कम होती हैं, खासकर हृदय, आंखों और इम्युनिटी से जुड़ी समस्याएँ।

Ravi Pradosh Vrat 2025: आज है रवि प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat 2025) के दिन लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं, प्रदोष काल (सूर्यास्त के ठीक बाद) के दौरान भगवान शिव की पूजा करते हैं और “ओम नमः शिवाय” जैसे मंत्रों का जाप करते हैं। यह व्रत पिछले पापों को दूर करने में मदद करता है और शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

रवि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जून दिन रविवार को सुबह 07:17 मिनट से शुरू होगी और 9 जून, दिन सोमवार को सुबह 09:35 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत की पूजा के लिए 8 जून को शाम 07:18 मिनट से रात 09:19 मिनट तक रहेगा। यही समय प्रदोष व्रत पूजा के लिए सर्वोत्तम रहेगा।

Ravi Pradosh Vrat 2025: आज है रवि प्रदोष व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का महत्व

प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस पवित्र अनुष्ठान में वैदिक मंत्रों, विशेष रूप से रुद्र सूक्त का जाप करते हुए शिवलिंग को जल, दूध, शहद, दही और घी से स्नान कराना शामिल है। माना जाता है कि प्रदोष पर रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शांति, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। यह ग्रह दोषों और पिछले कर्म ऋणों के हानिकारक प्रभावों को कम करने में विशेष रूप से प्रभावी है। जब प्रदोष काल (गोधूलि काल) के दौरान भक्ति के साथ किया जाता है, तो यह व्रत के लाभों को बढ़ाता है, जिससे आध्यात्मिक उत्थान, नुकसान से सुरक्षा और हार्दिक इच्छाओं की पूर्ति होती है।

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