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Ramlala Pran Pratishtha:आज मंदिर परिसर का भ्रमण करेंगे श्रीराम, नेत्रों पर बंध गई पट्‌टी

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ramlala Pran Pratishtha: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) के अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। आज रामलला मंदिर परिसर का भ्रमण करेंगे और दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट के बीच...
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राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Ramlala Pran Pratishtha: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) के अनुष्ठान का आज दूसरा दिन है। आज रामलला मंदिर परिसर का भ्रमण करेंगे और दोपहर 01 बजकर 20 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट के बीच सरयूजी से जल यात्रा आरंभ की जाएगी। कुल 9 कलशों में जलकर आचार्यगण व यजमान सरयू के सहस्त्रधारा घाट से मंदिर परिसर में मंडप तक जाएंगे। वहीं सरयू तट पर तीर्थ पूजन का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को मूर्ति निर्माण स्थल पर प्रायश्चित और कर्म कुटी पूजा सम्पन्न होने के बाद श्रीराम के नेत्रों पर पट्टी बांध दी गई। यह पट्टी अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान खोली जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य यजमान श्रीराम जन्म​भूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र को बनाया गया है। रामलला को उनके नवनिर्मित आवास में प्रवेश के लिए प्राण प्रतिष्ठा का सात दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम मंगलवार से प्रारंभ हो चुका है।

आज चारों द्वार और स्तंभ की होगी पूजा:-

बुधवार यानी आज रामलला की प्रतिमा को मंदिर परिसर का पूरा भ्रमण कराया जाएगा और यज्ञ मंडप के 4 द्वारों और 16 स्तंभों के पूजन से अनुष्ठान कार्यक्रम प्रांरभ किया जाएगा। 16 स्तंभों को 16 देवी देवताओं के रूप में पूजा किया जाएगा। और उनके अनुसार ही लाल, पीले, काले और सफेद वस्त्र देवताओं को धारण कराएं जाएंगे। साथ ही चारों द्वारों को वेदों के प्रतीक के रूप में पूजा जाएगा। वहीं कल यानी 18 जनवरी को रामलला गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए नई ​मूर्ति का निर्माण किया गया है जो श्रीराम के 5 साल के बाल स्वरूप को दिखाती है।

Ramlala Pran Pratishtha
परिसर में मूर्ति का हो चुका प्रवेश:-

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पूजा दूसरे दिन यानी आज रामलला के बाल स्वरूप मूर्ति मंदिर परिसर में प्रवेश कर चुकी है। मंगलवार को प्रायश्चित और कर्मकूटि पूजन के बाद शिल्पकार अरुण योगीराज ने रामलला की मूर्ति को पुरोहितों के हाथ में सौंप दिया था।

रामलला से मांगी गई क्षमा:-

अनुष्ठान के पहले पंरपरा के अनुसार अरुण योगीराज ने आचार्यों से अनुरोध किया किवह प्रतिमा का अच्छे से निरीक्षण करे और यदि कोई त्रुटि हो तो बता दें। निरीक्षण के साथ ही प्रतिमा के कुछ हिस्सों पर घी और शहद लगाया गया और निरीक्षण के बाद रामलला से क्षमा मांगी गई। रामलला से प्रार्थना की गई कि निर्माण की प्रक्रिया में यदि छेनी व हथोड़े से आपको चोट पहुंची हो या फिर किसी प्रकार का कष्ट हुआ हो तो उसके लिए क्षमा करें।

गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की देखरेख में होगा अनुष्ठान:-

श्रीराम जन्म​भूमि तीर्थ ट्रस्ट ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 7 दिन रहेगा। अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे है और अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख और निर्देशन गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ कर रहे है। इसके प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे। आने वाले दिनों में तीर्थ पूजन, गंधाधिवास और जलयात्रा जैसे अनुष्ठान होने वाले है। इसमें सोमवार को प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन सम्पन्न किया गया।

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