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Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष व्रत आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

'प्रदोष' शब्द का अर्थ है संध्या काल, और ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं और शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
10:40 AM Nov 03, 2025 IST | Preeti Mishra
'प्रदोष' शब्द का अर्थ है संध्या काल, और ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं और शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
Som Pradosh Vrat 2025

Pradosh Vrat 2025: आज नवंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इस व्रत को सोम प्रदोष व्रत भी कहते हैं। हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक, प्रदोष व्रत, हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के सबसे सरल उपायों (Pradosh Vrat 2025) में से एक है।

"प्रदोष" शब्द का अर्थ है संध्या काल, और ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करने से पाप नष्ट होते हैं और शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, शिव अभिषेक करते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और शिवलिंग पर बेल पत्र, दूध और फूल चढ़ाते हैं। भगवान शिव की दिव्य कृपा से आध्यात्मिक विकास और पिछले कर्मों से मुक्ति पाने की चाह रखने वालों के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) का विशेष महत्व है।

आज पूजा का शुभ मुहूर्त

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 3 नवंबर को सुबह 05:07 बजे हो गयी। इसका समापन 04 नवम्बर को दोपहर 02:05 बजे होगा। प्रदोष व्रत के दिन शाम को ही शिव पूजन करने का विधान है इसलिए यह व्रत आज, 3 नवंबर को मनाया जाएगा। आज सोम प्रदोष व्रत के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त लगभग 2 घंटे 35 मिनट है। पूजा का मुहूर्त शाम 05:22 बजे शुरू होगा कर रात 07:57 पर समाप्त होगा।

सोम प्रदोष व्रत क्यों है खास?

जब प्रदोष सोमवार को पड़ता है, तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं। इस व्रत की खास बात यह है कि सोमवार भगवान शिव का दिन माना जाता है, साथ ही चंद्र देव का भी, जिनकी इस दिन पूजा की जाती है। सोम प्रदोष व्रत इसलिए रखा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह मानसिक तनाव और चिंता को दूर करता है, आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है, आपके वैवाहिक जीवन को बेहतर बनाता है और आपके परिवार को भी खुशियाँ प्रदान करता है।

इसलिए जो भक्त अपने परिवार की खुशहाली के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में शांति और सामंजस्य की कामना करते हैं, वे नवंबर में प्रदोष व्रत रख सकते हैं।

कब है नवंबर महीने में अगला प्रदोष व्रत?

नवंबर महीने में दूसरा प्रदोष व्रत फिर से सोमवार, 17 नवंबर, 2025 को पड़ेगा। त्रयोदशी तिथि 17 नवंबर को सुबह 04:47 बजे शुरू होगी और 18 नवंबर को सुबह 07:12 बजे समाप्त होगी। इसलिए अगला प्रदोष व्रत 17 नवंबर को रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष व्रत पूजा का समय शाम 05:27 बजे से रात 08:07 बजे तक रहेगा।

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