Shardiya Navratri Day 3: आज होगी माँ चन्द्रघंटा की पूजा, पहनें इस रंग के कपड़े
Shardiya Navratri Day 3: नवरात्रि 2025 नौ दिनों का त्योहार है जो माँ दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की पूजा करता है। प्रत्येक दिन देवी के एक रूप को समर्पित है और एक विशिष्ट रंग से जुड़ा है जिसका गहरा आध्यात्मिक अर्थ है। नवरात्रि का तीसरा दिन, जो बुधवार 24 अक्टूबर को पड़ रहा है, देवी दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा को समर्पित है। इस दिन, भक्त शाही नीले रंग के वस्त्र पहनते हैं, जो शक्ति, सुरक्षा और दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक हैं।
माँ चंद्रघंटा कौन हैं?
माँ चंद्रघंटा को दस भुजाओं वाली, अस्त्र-शस्त्र, कमल और घंटी धारण किए हुए, बाघ पर सवार होकर दर्शाया गया है। उनके माथे पर घंटी के आकार का अर्धचंद्र होने के कारण उन्हें "चंद्रघंटा" कहा जाता है। वे साहस, शांति और अनुग्रह का प्रतीक हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से भय दूर होता है, शक्ति मिलती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
नवरात्रि 2025 के तीसरे दिन का महत्व
नवरात्रि का तीसरा दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि भय पर विजय - माँ चंद्रघंटा अपने भक्तों को निर्भयता और वीरता का आशीर्वाद देती हैं। जीवन में सामंजस्य - उनकी पूजा से शांति मिलती है, अनावश्यक संघर्ष और नकारात्मकता दूर होती है। आध्यात्मिक विकास - तीसरा दिन आत्म-संयम, अनुशासन और आंतरिक जागृति का प्रतीक है। इच्छा पूर्ति - ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुद्ध भक्ति से की गई मनोकामनाएँ शीघ्र पूरी होती हैं। राजसी नीले रंग के कपड़े पहनने से ये आशीर्वाद और भी बढ़ जाते हैं, क्योंकि यह रंग दिव्य ऊर्जा, ज्ञान और सुरक्षा का प्रतीक है।
नवरात्रि के तीसरे दिन राजसी नीला रंग क्यों पहनें?
नवरात्रि समारोहों में रंगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। तीसरे दिन, राजसी नीला रंग पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह शक्ति और शांति से जुड़ा है। यह रंग माँ चंद्रघंटा की आभा को दर्शाता है, जो शक्तिशाली और दयालु दोनों हैं। ऐसा माना जाता है कि इस रंग को पहनने से साहस के लिए माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करें। जीवन में सफलता और स्थिरता लाएँ। आध्यात्मिक भक्ति और विश्वास को सुदृढ़ करें।
नवरात्रि के तीसरे दिन (2025) के लिए पूजा विधियाँ
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए, भक्त इन अनुष्ठानों का पालन करते हैं:
प्रातः स्नान और स्वच्छता - दिन की शुरुआत स्नान से करें और नीले रंग के वस्त्र पहनें।
कलश स्थापना - वेदी पर जल, पुष्प और धूप अर्पित करें।
भोग - प्रसाद के रूप में दूध, खीर या फल तैयार करें।
मंत्र जाप - आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः" का जाप करें।
दूर्वा घास और पुष्प - माँ चंद्रघंटा को लाल पुष्प, गेंदा या कमल अर्पित करें।
आरती और भजन - शाम को दीये से आरती करें और भक्ति गीत गाएँ।
माँ चंद्रघंटा की पूजा के लाभ
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से अनगिनत आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। भय, असुरक्षा और आंतरिक शंकाओं को दूर करता है। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में शांति लाता है। शत्रुओं और बुरे प्रभावों से रक्षा करता है। आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता बढ़ाता है। वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और पारिवारिक सुख लाता है।
यह भी पढ़ें: Kanya Pujan 2025: शारदीय नवरात्रि में कब करें कन्या पूजन? जानें तिथि और विधि