Nag Panchami 2025: नाग पंचमी आज, जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें
Nag Panchami 2025: आज देश भर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। नाग देवता की पूजा को समर्पित, इस त्योहार का हिंदू परंपरा में गहरा आध्यात्मिक महत्व है। भक्त सर्पदंश से सुरक्षा और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए चींटियों के टीलों और मंदिरों के पास स्थित नागों की मूर्तियों या जीवित नागों (Nag Panchami 2025) को दूध, मिठाई और फूल चढ़ाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, जो अपने गले में नाग धारण करते हैं। इस दिन उपवास रखना और नाग पंचमी (Nag Panchami 2025) व्रत कथा का पाठ करना भी आम अनुष्ठान हैं।
नाग पंचमी क्यों मनाते हैं?
नाग पंचमी नाग देवता का सम्मान करने और उनकी सुरक्षा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाई जाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, साँपों को दिव्य माना जाता है और उनका भगवान शिव और भगवान विष्णु जैसे देवताओं से गहरा संबंध है। यह त्योहार त्यौहार सावन के महीने में मनाया जाता है, जब माना जाता है कि मानसून के कारण साँप अधिक सक्रिय होते हैं।
लोग साँपों के काटने से बचने और अपनी कुंडली में सर्प संबंधी दोषों (जैसे कालसर्प दोष) को दूर करने के लिए साँपों की मूर्तियों या असली साँपों को दूध, फूल और खीर चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि नाग देवता की पूजा करने से समृद्धि, सुरक्षा और आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त होता है।
नाग पंचमी के दिन क्या करें?
दूध और खीर का भोग लगाएँ – भक्ति के प्रतीक के रूप में साँपों की मूर्तियों या चींटियों के टीलों को दूध या खीर खिलाएँ।
नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ करें – व्रत कथा सुनना या पढ़ना आध्यात्मिक रूप से लाभकारी माना जाता है।
व्रत रखें – कई भक्त इस दिन सुरक्षा और सौभाग्य के लिए व्रत रखते हैं।
साँपों की मूर्तियों की पूजा करें – पूजा स्थल को साफ़ करें और साँपों की मूर्तियों को हल्दी, कुमकुम और फूलों से सजाएँ।
ब्राह्मणों को दान दें – ब्राह्मणों को भोजन या वस्त्र देने से आशीर्वाद मिलता है।
भगवान शिव के मंदिरों में जाएँ – भगवान शिव साँपों से जुड़े हैं, और उनकी पूजा विशेष रूप से शुभ होती है।
सर्प दोष से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें – ज्योतिष में सर्प दोषों के कारण होने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करें।
नाग पंचमी पर क्या न करें?
साँपों को नुकसान न पहुँचाएँ – इस दिन साँपों को मारना या नुकसान पहुँचाना सख्त मना है।
ज़मीन खोदने से बचें – खासकर चींटियों के टीलों के पास, क्योंकि वहाँ साँप रहते हैं और इससे उन्हें परेशानी हो सकती है।
लोहे या नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें – नाग देवताओं के प्रति सम्मान दर्शाने के लिए ऐसी वस्तुओं का प्रयोग वर्जित है।
मांसाहारी भोजन से बचें – यह दिन अत्यधिक सात्विक माना जाता है; मांस और मदिरा का सेवन सख्त वर्जित है।
बाल न धोएँ – माना जाता है कि बाल धोने से इस दिन की पवित्रता का अनादर होता है।
झगड़े या नकारात्मक भाषण से बचें – ईश्वरीय कृपा पाने के लिए दिन को शांतिपूर्ण और सकारात्मक रखें।
जल या दूध अर्पित करना न भूलें – मूल अनुष्ठान न करना अशुभ माना जाता है।
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