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हर रोज सुबह उठकर करेंगे इन मंत्रो का जाप तो बदल जाएगा जीवन

हिन्दू धर्म में, सुबह के समय मंत्र जाप का विशेष महत्व हैं. ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-पाठ को सर्वाधिक लाभकारी माना जाता है
06:00 AM May 25, 2025 IST | Jyoti Patel
हिन्दू धर्म में, सुबह के समय मंत्र जाप का विशेष महत्व हैं. ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-पाठ को सर्वाधिक लाभकारी माना जाता है
Mantra For Morning

Mantra For Morning: हिन्दू धर्म में, सुबह के समय मंत्र जाप का विशेष महत्व और कई लाभ बताए गए हैं. ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से ठीक पहले का समय) में पूजा-पाठ को सर्वाधिक लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इस समय वातावरण शांत और शुद्ध होता है. यही कारण है कि घर के बड़े-बुजुर्ग बच्चों को सूर्योदय से पहले उठकर ईश्वर का स्मरण करने और अपनी दिनचर्या शुरू करने की सलाह देते हैं, ताकि उनका पूरा दिन शुभ हो और उन्हें देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिले. यदि आप सुबह बताए गए मंत्रों का जाप करना शुरू करते हैं, तो आपको कुछ ही दिनों में स्वयं में सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगेंगे.

1. नवग्रह शांति मंत्र

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

अर्थ:
इस मंत्र का अर्थ है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, चंद्र, सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु सहित सभी नवग्रह मेरे दिन को शुभ और शांत बनाएं.

महत्व:
आप इस मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं. शांत मन से इस मंत्र का जाप करने से सुख-समृद्धि मिलती है. यह मंत्र आपके नौ ग्रहों को शांत करता है और देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है.

2. कर दर्शन मंत्र

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥

अर्थ:
इस मंत्र का अर्थ है कि हमारी हथेली के अग्रभाग में देवी लक्ष्मी का वास है, मध्य भाग में देवी सरस्वती का और मूल भाग में भगवान गोविंद का निवास है. इसलिए, सुबह उठते ही अपनी हथेलियों को देखना चाहिए और उनका चिंतन करना चाहिए.

महत्व:
यह मंत्र अपनी हथेली को देखते हुए बोला जाता है, जो दिन की शुरुआत में ही धन, ज्ञान और ईश्वर का स्मरण कराता है.

3. भूमि वंदना मंत्र

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।

अर्थ:
हे देवी पृथ्वी, जो समुद्र रूपी वस्त्र धारण करती हैं और पर्वत रूपी स्तनों से सुशोभित हैं, हे भगवान विष्णु की पत्नी, आपको नमस्कार है. मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मेरे चरणों के स्पर्श को क्षमा करें.

Mantra Jaap

महत्व:
यह मंत्र धरती पर पैर रखने से पहले जाप किया जाता है. यह धरती माता के प्रति सम्मान व्यक्त करता है और उनके आशीर्वाद का आह्वान करता है.

इन मंत्रों का जाप करके आप अपने दिन को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक मूल्यों से भर सकते हैं.

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