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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग ?

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी (Makar Sankranti 2024) को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान,दान के साथ साथ पतंग भी उड़ाने की परंपरा है। इसी वजह से मकर संक्रांति के त्यौहार को...
05:07 PM Jan 09, 2024 IST | Juhi Jha
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी (Makar Sankranti 2024) को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान,दान के साथ साथ पतंग भी उड़ाने की परंपरा है। इसी वजह से मकर संक्रांति के त्यौहार को...
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राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी (Makar Sankranti 2024) को मनाया जाएगा। इस दिन स्नान,दान के साथ साथ पतंग भी उड़ाने की परंपरा है। इसी वजह से मकर संक्रांति के त्यौहार को पतंगबाजी और काइट फेस्टिवल भी कहा जाता है। कई जगह तो इस दिन पतंग उड़ाने की बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं लेकिन क्या आपने ​कभी सोचा है कि मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है और कैसे और कहां से इसकी शुरूआत हुई। तो आइए आज हम आपको इससे जुड़े ही कुछ सवालों के जवाब बताने जा रहे है।

क्यों उड़ाई जाती है पतंग

मकर संक्रांति के दिन छोटे बच्चों से लेकर घर के बड़े बुजुर्गों तक बड़े उत्साह के साथ पतंगबाजी करते नजर आते है। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) के दिन पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व बताया गया है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार सर्वप्रथम पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने शुरू की थी। इस घटना का जिक्र तमिल की तन्दनानरामायण में किया गया है। रामायण के अनुसार पहली बार श्रीराम ने मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाई थी और वो पतंग इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। साथ ही तुलसी दास जी ने राम चरित मानस में भगवान श्री राम के बाल्यकाल का वर्णन किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि भगवान श्री राम ने पतंग उड़ायी थी और यही वजह है मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाई जाती है।

जानें वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक के अलावा मकर संक्रांति के दिन पतंग (Makar Sankranti 2024) उड़ाने का वैज्ञानिक महत्व भी बताया गया है। वैज्ञानिक महत्व के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें शरीर के लिए अमृत समान मानी जाती है। इससे त्वचा से संबंधित कई तरह के रोग दूर होते है। कहा जाता है कि संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से शरीर सूर्य की किरणों को अधिक मात्रा में ग्रहण करता है जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है। जिससे सर्दी-खांसी और रूखी त्वचा से संबंधित समस्याएं दूर हो जाती है।

देश में इन जगहों पर उड़ाई जाती है पतंग

मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) पर पतंग बड़े उत्साह के साथ उड़ाई जाती है। भारत के कई जगहों पर तो पतंग को लेकर बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। जैसे गुजरात में हर साल मकर संक्रांति के दिन काइट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है जिसमें पतंगबाजी का हुनर दिखाने लोग दूर- दूर से आते है। ये प्रतियोगिता कई दिनों तक आयोजित की जाती है। इसके अलावा जयपुर में भी पतंगबाजी की रौनक रहती है। वहीं दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर पतंग उड़ाकर अपनी खुशी जाहिर करते है। वहीं मकर संक्रांति के अलावा कई जगह स्वतंत्रता दिवस पर भी पतंग उड़ा कर आजादी का दिवस मनाया जाता है।

यह भी पढ़े : Makar Sankranti 2024: जानें किस ​दिन मनाया जाएगा मकर संक्रांति का पर्व

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